उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने कवयित्री अरुणा वशिष्ठ की प्रथम काव्यकृति रुद्रवंती का विमोचन किया। इस दौरान साहित्यकारों ने अपनी काव्यकृतियां भी पेश की।
पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि रुद्रवंती काव्यकृति के माध्यम से कवयित्री ने सरल शब्दों में मन की बात को उजागर करते हुए सामाजिक सरोकार के विषयों को छुआ है। उन्होंने कहा कि इस काव्य संग्रह में जीवन के स्नेहिल पक्ष के हर पहलू का आंतरिक दिग्दर्शन समाहित है। उन्होंने कहा कि कविता मनुष्य को उत्तरोतर संवेदनशील बनाती है। जिसका प्रभाव मनुष्य के प्रत्येक कार्यकलाप पर पड़ता है।
कवियत्री अरुणा वशिष्ठ ने काव्य कृति की कुछ पंक्तियां प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि इस किताब में हास्य, व्यंग, प्रकृति, श्रंगार, वीर रस एवं सभी प्रकार का काव्य समाहित है। इस दौरान कवि नरेंद्र रयाल ने चूना ही चूना लगाने वालों का प्रतीक है।
कवि मधुसूदन रयाल ने मोबाइल के चलन से सबकी नींद हराम बाल कवयित्री जान्हवी ने मत जाओ केवल बंशी की तानों पर, हमको रण में शंख बजाना है आदि प्रस्तुति से श्रोताओं को गुदगुदाया।