राफेल सौदे की सभी याचिकाओं का सुप्रीम कोर्ट के खारिज करना कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनके समर्थकों पर करारा तमाचा है। इससे यह साबित होता है कि प्रधानमंत्री की नियत और नीति पर देश की जनता विश्वास करती है। यह बात मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कही।
मुख्यमंत्री आवास पर पत्रकार वार्ता में सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि राफेल की कीमत पर निर्णय लेना अदालत का काम नहीं है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि राफेल विमानों की खरीद की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नजर नहीं आता है।
देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिहाज से ऐसे मुद्दे सार्वजनिक नहीं किए जाते हैं। सीएम ने कहा कि जबकि राहुल गांधी तो लगातार उलटा बयान देकर देश की सुरक्षा पर सवाल उठाते रहे। उन्होंने सेना और सैन्य प्रतिष्ठानों के मान सम्मान को भी ठेस पहुंचाई है। कांग्रेस का ये इतिहास रहा है कि वो सेना और देश की रक्षा से संबंधित मसलों पर सवाल उठाते रहे हैं।
सर्जिकल स्ट्राइक पर भी कांग्रेस ने संदेह पैदा कर सेना के मनोबल को गिराने का काम किया था। 2002 से राफेल की खरीद पर बातचीत चल रही थी, इस बीच 10 साल कांग्रेस सत्ता में रही लेकिन तब इन्होंने राफेल खरीद में कोई रुचि नहीं दिखाई। कांग्रेस ने हमेशा से रक्षा सौदों में बिचौलियों को तरजीह दी है। जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने पारदर्शी तरीके से राफेल मामले पर दो सरकारों के बीच सौदा किया।