ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट में 105 किमी हिस्सा टनल का

देहरादून।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को सीएम आवास स्थित कैम्प कार्यालय में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग नई ब्राडगेज लाईन प्रोजेक्ट के सम्बन्ध में कार्यदायी संस्था रेल विकास निगम लि के साथ बैठक की। बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि यह रेलवे लाईन कई मायनों में महत्वपूर्ण है। रेलवे लाईन से जहाँ एक ओर चारधाम यात्रा आसान होगी वहीं दूसरी ओर अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगा राज्य होने के कारण दूरस्थ क्षेत्रों से कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी। इसके लिये जरूरी है कि यह रेल प्रोजेक्ट समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए। उन्होंने रेल विकास निगम लि के अधिकारियों से कहा कि इस प्रोजेक्ट में टनल बनाने एवं अन्य सभी कार्यों हेतु आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सम्बन्धित जिला प्रशासन को निर्देशित किया कि रेलवे लाईन के कारण पुनर्वास एवं पुनस्थापन की अद्यतन समीक्षा अगले 2 माह में पूर्ण कर ली जाए। मुख्यमंत्री रावत ने पुनर्वास एवं पुनस्थापन हेतु कमिश्नर गढ़वाल की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि जहा अपेक्षित है, उत्तराखण्ड पावर कार्पोरेशन लिमिटेड, पिटकुल एवं लोनिवि द्वारा रेल प्रोजेक्ट में सहयोग दिया जाए।
अध्यक्ष, रेल विकास निगम लि सतीश अग्निहोत्री ने बताया कि इस रेल प्रोजेक्ट की कुल लम्बाई 125 किमी है जिसमें 105 किमी हिस्सा टनल वाला है। इसके साथ ही इसमें 98 किमी लम्बी एस्केप टनल भी बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट में आधुनिकतम तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रूड़की देवबन्द नई रेल लाईन, हरिद्वार लक्सर दोहरीकरण एवं हरिद्वार देहरादून रेलवे लाईन में सुविधाओं के विकास से सम्बन्धित प्रोजेक्ट्स की अद्यतन जानकारी ली। बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव एस.रामास्वामी, सचिव शैलेश बगोली, अरिवन्द सिंह हयांकी, कमिश्नर गढ़वाल विनोद शर्मा, प्रमुख वन संरक्षक आरके महाजन सहित सम्बन्धित विभागों के विभागाध्यक्ष एवं जिलाधिकारी उपस्थित थे।