चारा घोटाला में लालू को हुयी साढ़े तीन साल की जेल

चारा घोटाला के देवघर कोषागार मामले में दोषी करार दिए गए आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई है। साथ ही लालू को 5 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है, जबकि जगदीश शर्मा समेत छह को सात साल की सजा सुनाई गई है और 10 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है।
सजा सुनाये जाने के बाद लालू यादव के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया है जिसमें उन्होंने खुद बेगुनाह साबित करने की कोशिश की है, लालू की मानें तो वो सामाजिक न्याय के लिए लड़ रहे हैं, जिसकी सजा उन्हें ये मिल रही है।
रांची की सीबीआई अदालत से लालू यादव समेत सभी 16 दोषियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फैसला सुनाया गया। लालू रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं, जुर्माना नहीं देने पर 6 महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
बता दें कि देवघर कोषागार आरसी 64ए/96 से 89 लाख रुपये फर्जी तरीके से निकाले जाने के मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव सहित 16 आरोपी दोषी करार हैं। कोर्ट ने उन्हें 23 दिसंबर को दोषी पाया था, जिसके बाद लालू रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद है। 3 जनवरी से मामले के दोषियों की सजा पर सुनवाई चल रही है।
सुनवाई में लालू रहे थे खामोश
शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए हुई सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद पूरी तरह चुप रहे थे। उनके अधिवक्ता चितरंजन प्रसाद ने न्यायाधीश से आग्रह किया कि लालू की उम्र 70 वर्ष हो गई हैं। वह शारीरिक रूप से अस्वस्थ हैं, उन्हें हाईपर टेंशन और डायबिटीज हैं। 21 सालों से केस लड़ रहे हैं। इसलिए इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए लालू प्रसाद को कम से कम सजा दी जाए।
वहीं सीबीआई के अधिवक्ता ने इस पर विरोध जताते हुए कहा कि लालू राजनीति में सक्रिय हैं। रैलियां और भाषण कर रहे हैं, इसलिए नहीं लगता कि बहुत बीमार हैं। जेल में भी मेडिकल की सुविधाएं उपलब्ध हैं। वह मुख्य आरोपी हैं। इसलिए उन्हें ज्यादा से ज्यादा सजा दी जाए।
बता दें कि सीबीआई की विशेष अदालत ने 23 दिसंबर को चारा घोटाले के एक मामले में लालू यादव को दोषी ठहराया था। वकीलों के अनुसार, लालू प्रसाद को तीन से सात वर्षो की सजा सुनाई जा सकती है, लेकिन उन्हें तीन वर्ष की सजा सुनाई जाती है तो उन्हें तत्काल जमानत मिल सकती है।