सेना प्रमुख पहुंचे पैतृक गांव, पलायन पर जताई चिंता

सेना प्रमुख बिपिन रावत अपने पैतृक गांव सैण बमरौली में पहुंचे। सेना प्रमुख को अपने बीच पाकर परिवार वालों और गंाव के लोगों में खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जनरल रावत भी इस मौके पर भावुक हो उठे। जनरल रावत ने राज्य में हो रहे पलायन पर चिंता जताई।

जनरल रावत ने परिजनों से गांव की समस्याओं पर चर्चा की। गांव के लोगों से उन्होंने खेती, रोजगार और पलायन जैसे मुद्दों पर बात की। जनरल रावत के परिवार के लोगों से बातचीत में उन्होंने गांव में घर बनाने की इच्छा जताई तो उनके चाचा भरत सिंह रावत ने उन्हें गांव में जमीन भी दिखायी। जनरल ने चाचा भरत सिंह के आवास के समीप ही एक खेत में घर बनाने पर सहमति जताई।

गांव में करीब दो घंटे का वक्त गुजारने के बाद जनरल रावत रात के लिए लैंसडाउन लौट गए। गांव से लौटते हुए जब जनरल रावत पत्नी मधुलिका के साथ बाहर सड़क पर पहुंचे तो वहां बड़ी संख्या में मौजूद महिलाओं से हालचाल पूछा और दोबारा गांव आने की बात कही। जनरल रावत ने बच्चों के लिए कोटद्वार में आर्मी पब्लिक स्कूल खोलने की बात कही।
इसके साथ ही उन्होंने अपने गांव तक सड़क बनाने के लिए भी राज्य सरकार से बात करने की बात कही। कोटद्वार में जनरल रावत और उनकी पत्नी ने गढ़वाल रेजिमेंट के जवानों के लिए आवास बनाने की योजना की आधारशिला भी रखी।

पौड़ी जनपद के द्वारीखाल विकासखंड में स्थित सैण गांव में जनरल रावत का पैतृक गांव है। जनरल रावत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए रोजगार देने वाली योजनाओं को गांवों में लाना होगा। उनकी पत्नी मधुलिका रावत ने उम्मीद जताई कि अगली बार जब वो गांव आएंगी तो तब उनके गांव तक सड़क बन जाएगी।