गवनर्स अवॉर्ड से सम्मानित हुये 31 अध्यापक

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्यभर के 31 अध्यापकों को सम्मानित किया। जिसमें बेसिक और माध्यमिक स्तर के 26 अध्यापक शामिल है। जबकि पांच अध्यापक संस्कृत शिक्षा से है। राज्यपाल ने कहा कि अध्यापक उत्तराखंड का भविष्य बना रहे हैं। वहीं, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कविता के जरिये अध्यापकों को प्रेरित किया।

उत्तराखंड में हर साल राजकीय विद्यालयों के उत्कृष्ट शिक्षक-शिक्षिकाओं को गवर्नर्स अवॉर्ड से सम्मानित किया जाता है। हर साल की तरह इस साल भी शिक्षक दिवस पर राजभवन में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सम्मानित शिक्षकों को दस हजार नगद, प्रशस्ति पत्र, स्वामी विवेकानंद की जीवनी और पीएम मोदी की मन की बात की पुस्तक प्रदान की।

इस दौरान राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि शिक्षक साधुवाद के पात्र हैं क्योंकि वह उत्तराखंड का भविष्य बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि छोटे बच्चे खाली स्लेट की तरह होते हैं। शिक्षक उसपर जो लिख देगा वह हमेशा के लिए रहेगा। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों को इतने बड़े सपने दिखाओ कि वह सोने न पाए। राज्यपाल ने शिक्षण में तकनीकी के समावेश पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेशभर के सभी विद्यालयों में एक पीरियड स्वच्छता के नाम करने की बात कही। बालिका शिक्षा पर विशेष जोर देते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षक उन्हें ज्ञान और अनुशासन दें। क्योंकि बेटियां आगे बढेंगी तो एक नहीं दो-दो घरों का मान बढाएंगी।

वहीं, शिक्षा दिवस पर शिक्षा मंत्री का अलग ही अंदाज नजर आया। उन्होंने समारोह में कविता सुनाकर शिक्षकों को प्रेरित किया। इससे पहले उन्होंने कहा कि ईश्वर, माता-पिता और शिक्षक के विषय में जितना कहा जाए कम है। प्रदेश के शिक्षक बहुत अच्छे हैं। इस बार का बोर्ड परीक्षाफल उन्हीं की मेहनत का नतीजा है। यह पुरस्कार इसी उत्कृष्टता का परिणाम है।

वहीं, विद्यालयी शिक्षा सचिव भूपेंद्र कौर औलख ने कहा कि बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह हैं। यह गुरु पर निर्भर करता है कि उसे क्या आकार दें। उन्होंने कहा कि शिक्षक अपने आचरण से उदाहरण प्रस्तुत करें।