फूलपुर और गोरखपुर उपचुनाव में हार और सपा-बसपा के बीच बढ़ती दोस्ती को सियासी मात देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महादलित का मास्टर कार्ड खेला है। योगी ने विधानसभा के बजट सेशन में कहा कि जरूरत पड़ने पर महादलित और अति पिछड़ों को आरक्षण देने पर विचार किया जा सकता है। साफ है कि योगी आदित्यनाथ ने इस चाल से बीएसपी के वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी कर दी है।
उपचुनाव में बीजेपी के बिगड़े समीकरण के मद्देनजर योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर गैर यादव ओबीसी और गैर जाटव दलित को साधने की कवायद की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस कार्ड के जरिए सपा-बसपा की बढ़ती नजदीकियों के चलते एकजुट हो रहे दलित-पिछड़ों के वोटबैंक में सेंधमारी की तैयारी की है। गुरुवार को विधानसभा के बजट अभिभाषण में योगी आदित्यनाथ ने सूबे के अतिपिछड़ों और महादलितों को अलग से आरक्षण देने पर विचार करने की बात कही है।
गौरतलब है कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू यादव के दलित वोटबैंक में इसी फॉर्मूले से सेंध लगाई थी और अपना वोट बैंक तैयार किया था। इसी का नतीजा है कि वे मौजूदा दौर में बिहार की सत्ता में काबिज हैं।