राज्य में रहने वालों के लिए एक समान कानून आवश्यकः धामी

नई दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड सदन में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट बनाने वाली विशेषज्ञ समिति के सदस्यों से मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस दौरान उन्होंने समिति के सदस्यों से ड्राफ्ट पर भी चर्चा की। मीडिया से वार्ता में उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट मिलने के बाद प्रदेश सरकार इसका विधिक परीक्षण करेगी। इसके बाद इसे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह अन्य राज्यों से भी अपेक्षा करेंगे कि देवभूमि से समान नागरिक संहिता एक्ट बनाने का जो सिलसिला शुरू हुआ है, उसे वे भी लागू करें।

मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता के लिए गठित समिति को इस पर काम करते हुए एक वर्ष से अधिक का समय हो गया है। समिति ने विभिन्न धर्मों, राजनीतिक दलों व विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े व्यक्तियों से चर्चा की है। समिति ने ड्राफ्ट पूरा कर लिया है। कुछ समय बाद समिति इसे सरकार को सौंप देगी। सरकार विधिक परीक्षण करने के बाद इसे लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि जब इसका ड्राफ्ट सामने आएगा, तब इससे जुड़े सभी संशय दूर हो जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि समान नागरिक संहिता के ड्राफ्ट में उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थिति व दो अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे होने के कारण सामरिक दृष्टि का भी ध्यान रखा गया है। उत्तराखंड धर्म व संस्कृति का केंद्र है। इसलिए उत्तराखंड में रहने वाले लोगों के लिए एक समान कानून होना चाहिए।