एक दुखद दुर्घटना में अपनी जान गंवाने वाले भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत का अंतिम संस्कार शुक्रवार को यानी आज किया जाएगा। तमिलनाडु के कुन्नूर के पास बुधवार को सैन्य हेलीकॉप्टर दुर्घटना में अपनी पत्नी और सशस्त्र बलों के 11 अन्य कर्मियों के साथ शहीद हुए उत्कृष्ट कमांडर को लोग आज दिल्ली में श्रद्धांजलि दे सकेंगे। जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका के शवों को उनके कामराज मार्ग स्थित आवास पर सुबह 11 बजे से दोपहर 12ः30 बजे तक रखा जाएगा ताकि आम जनता उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दे सके। दोपहर 12ः30 से 1ः30 बजे के बीच का स्लॉट सैन्य कर्मियों के लिए बहादुर जनरल और उनकी पत्नी को सम्मान देने के लिए रखा जाएगा। जनरल रावत की उनके आवास से बरार स्क्वायर श्मशान घाट तक की अंतिम यात्रा दोपहर 2 बजे के करीब शुरू होने वाली है। समाचार एजेंसी के अनुसार, दिवंगत सीडीएस रावत का अंतिम संस्कार शाम 4 बजे निर्धारित है। वहीं, ब्रिगेडियर एलएस लिडर का अंतिम संस्कार सुबह 9 बजे किया जाएगा। हालांकि भारतीय वायु सेना ने बुधवार दोपहर हेलीकॉप्टर दुर्घटना में 13 लोगों की मौत की पुष्टि की है, लेकिन अब तक केवल तीन शवों की पहचान की गई है। जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और ब्रिगेडियर लिडर के शव की पहचान हो चुकी है। अन्य शवों को पहचान होने तक सेना बेस अस्पताल के मोर्चरी में रखा जा रहा है।
पीएम मोदी और रक्षा मंत्री ने दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने गुरुवार को पालम एयरपोर्ट पर सशस्त्र बलों के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, एयर चीफ मार्शल एवीआर चौधरी और रक्षा सचिव अजय कुमार सहित देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने भी एक शोक समारोह में मृतकों को अंतिम श्रद्धांजलि दी।
स्क्वॉड्रन लीडर कुलदीप सिंह का अंतिम संस्कार भी आज
हेलीकॉप्टर हादसे में जान गवाने वालों में शामिल वायुसेना के स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह के पैतृक गांव में रहने वाले उनके परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों ने झुंझुनूं जिले के घरडाना खुर्द गांव में उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कर दी हैं। स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह की मां का कहना है कि उन्हें अपने बेटे के देश के लिए शहीद होने पर गर्व है। उन्होंने कहा, मेरे बेटे की यही कमाई है। अपने घर के अंदर संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, बहुत अच्छी कमाई करी है मेरे बेटे ने… उन्होंने दो बार हाथ ऊपर करके कहा वंदे मातरम।
कुलदीप सिंह का विवाह दो साल पहले ही हुआ था। स्थानीय सरपंच उम्मेद सिंह राव ने बताया, “ग्रामीणों ने सिंह का अंतिम संस्कार गांव के महात्मा गांधी सरकारी विद्यालय के मैदान में करने का निर्णय किया है। उनकी वहां प्रतिमा भी लगाई जायेगी। शिक्षा विभाग ने विद्यालय के मैदान में दाह संस्कार करने की मंजूरी दे दी है।”