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वित्त मंत्री अग्रवाल ने की केन्द्रीय योजनाओं में अनुदान का प्रतिशत बढ़ाने की मांग

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन की अध्यक्षता में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों की बैठक नई दिल्ली में आयोजित हुई। इसमें उत्तराखंड के वित्त व संसदीय कार्यमंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने भी शिरकत की। मंत्री डा. अग्रवाल ने आगामी बजट के लिए अपने सुझाव देते हुए बजट में प्रदेश की कई मांगों को पूरा करने का आग्रह किया। साथ ही केंद्र से मिल रहे भरपूर समर्थन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन का आभार प्रकट किया।
नई दिल्ली में आयोजित बैठक में सूबे के वित्त मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि राज्य की जनता को डबल इंजन की सरकार का लाभ मिल रहा है। देश के प्रधानमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री के सहयोग से विभिन्न केन्द्र पोषित योजनाओं व अनुदानों से प्रदेश का सर्वागीण विकास हो रहा है।
डा. अग्रवाल ने कहा कि आगामी बजट में राज्य के लिए नयी केन्द्रीय योजनाओं की स्वीकृति मिले, जिससे पर्यावरण रक्षक व सीमान्त प्रहरी के रूप में उत्तराखंड अपनी भूमिका मजबूती से निर्वहन कर सके। डा. अग्रवाल ने आगामी बजट में नई रेल परियोजना ऋषिकेश-उत्तरकाशी और इसी तरह टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना के लिए भी आवश्यक प्रावधान करने का भी निवेदन किया।
डा. अग्रवाल ने लैण्ड स्लाइड जैसी समस्याओं के लिए कोनिक लैण्ड स्लाईड के ट्रीटमेंट को राष्ट्रीय महत्व का शोध संस्थान उत्तराखण्ड के सीमान्त व संवेदनशील क्षेत्र जैसे चमोली अथवा पिथौरागढ़ जनपद में खोले जाने, दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में जल विद्युत परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए 2 करोड़ रूपये प्रति मेगावाट की दर से 8 हजार करोड़ रूपये की वायबिलिटी गैप फंडिंग आगामी बजट में प्रदान करने की अपील की।
इसके अलावा डा. अग्रवाल ने जमरानी बांध परियोजना और सॉंग बांध परियोजना के लिए आगामी बजट में आवश्यक प्रावधान करने का भी निवेदन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अवशेष कार्यों को पूर्ण करने के लिये समय-सीमा को बढ़ाने तथा अवशेष देयता के लिए बजट में प्रावधान करने का अनुरोध किया।
डा. अग्रवाल ने राज्य सरकार द्वारा पति और पत्नी को दी जा रही 1500 रूपये वृद्धावस्था पेंशन में केन्द्रांश को 200 रूपये से बढ़ाकर 500 रूपये आगामी बजट में किये जाने की भी मांग की। वित्त मंत्री ने बजट में प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थिति का हवाला देते हुए सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत नेट फेज-2 परियोजना के लिए वित्तीय प्राविधान की भी मांग की।
डा. अग्रवाल ने सुझाव देते हुए कहा कि पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण उत्तराखण्ड में सामग्री ढुलान अत्यन्त महंगा होता है, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों में पहुंचने पर सामग्री की वास्तविक लागत में काफी बढ़ोत्तरी हो जाती है। उन्होंने उत्तराखण्ड सहित समस्त पर्वतीय राज्यों के लिए श्रम व सामग्री का अनुपात 60ः40 के बजाय 50ः50 करने का सुझाव दिया।
बैठक में केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी जी, मुख्यमंत्री छत्तीसगढ भूपेश बघल, मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहर लाल खट्टर, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, वित्त सचिव उत्तराखंड दिलीप जावलकर सहित विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्री, सभी राज्यों के वित्त सचिव आदि उपस्थित रहे।