ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज अपने दो दिवसीय प्रवास पर योग नगरी ऋषिकेश पहुंचे। यहां पहुंचने पर महामंडलेश्वरों, संतों एवं स्थानीय लोगों द्वारा उनका स्वागत किया गया। ऋषिकेश में अपने पहले कार्यक्रम में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी विवेकानंद सरस्वती ने स्वामी नारायण घाट में गंगा आरती में सम्मलित हुए।
इस अवसर पर उपस्थित लोगों को शंकराचार्य स्वामी आविमुकातेश्वरानंद सरस्वती ने कर्म और भाग्य को परिभाषित करते हुए कहा कि भाग्य फलित होता है। उन्होंने बसुदेव और नंद का उदाहरण दिया। गंगा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गंगा जल स्पर्श मात्र से ही सभी राग द्बेष से मुक्त हो जाते हैं।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि गंगा जल और सामान्य जल में अंतर है। कहा कि पानी के प्रछालन से शरीर की गंदगी दूर होती है लेकिन गंगा जल मन के मेल को धोती है। उन्होंने संतो से आहवान किया कि अपने व्यवहार मे सरल और तरलता लाएं। राग द्बेष से दूर रहकर आदर्श प्रस्तुत करें और समाज का मार्गदर्शन करें।
इस अवसर पर स्वामीनारायण आश्रम के सुनील भगत ने शंकराचार्य स्वागत एवं अभिनंदन किया। महामंडलेश्वर अभिषेक चैतन्य हरिद्वार के महंत प्रेमानंद शास्त्री ज्योतिर्मठ के प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानंद, स्वामी सहजानंद, ब्रह्मचारी श्रवणानंद, ज्योर्तिमठ के मीडिया प्रभारी डॉ बृजेश सती, ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित पंचायत के अध्यक्ष उमेश सती, अजय पांडे, कार्यक्रम के सह संयोजक रवि प्रपन्नाचार्य, स्वामीनारायण आश्रम के पीआरओ सौरभ राणा कोटी, जोशीमठ के पूर्व ब्लाक प्रमुख प्रकाश रावत मौजूद रहे।
Jun242023