(एनएन सर्विस)
लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों के सैंपलों की जांच में तेजी लाने के लिए सरकार ने इसकी जांच दर में भी काफी कटौती कर दी है। अब प्राइवेट अस्पतालों और लैब में निर्धारित दरों से अधिक नही वसूल सकेंगे। प्राइवेट या सरकारी अस्पतालों की ओर से प्राइवेट लैब में भेजे जाने वाले सैंपलों के लिए दो हजार रुपये (जीएसटी सहित) और सीधे प्राइवेट लैब की ओर से खुद लिए जाने वाले सैंपलों के लिए 2400 रुपये निर्धारित किए गए हैं। राज्य सरकार ने यह बड़ी राहत दी है। बता दें कि अभी तक प्राइवेट लैब की ओर से सैंपल लेने पर 4500 रुपये लिए जाते थे।
वहीं, सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद प्रदेश में 104 दिनों में सवा करोड़ की आबादी पर सिर्फ 55 हजार सैंपलों की जांच हो पाई है। इसी चिंता के तहत सरकार का ये कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रदेश में रोजाना कोरोना संक्रमित के मामले बढ़ रहे हैं। 15 मार्च से लेकर अब तक कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 2700 पार हो चुका है। हालांकि कोरोना काल के शुरूआती दिनों की तुलना में प्रदेश में सैंपलों की जांच बढ़ी है। इसके बावजूद अन्य हिमालयी राज्यों की तुलना में उत्तराखंड में सैंपलिंग की दर कम बताई जा रही है।
प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ. पंकज कुमार पांडेय का कहना है कि पहले की तुलना में प्रदेश में कोविड सैंपलिंग बढ़ी है। इसमें और तेजी लाने के लिए मेडिकल कालेजों में स्थापित प्रयोगशालाओं की क्षमता बढ़ाने के लिए हाईटेक मशीन लगाने के लिए सरकार ने 11.25 करोड़ की राशि मंजूर की है। प्रत्येक जिले में ट्रूनेट मशीन स्थापित की गई है। जिससे कोरोना संक्रमण की जांच में तेजी आये।
Jun272020