सार्वजनिक छठ पूजन समिति की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने शिरकत की और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इससे पहले मंत्री डॉ अग्रवाल ने डूबते सूर्य को अर्ध्य देकर देश और प्रदेश की उन्नति, सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस मौके पर आस्था पथ पर भी पूर्वांचल समाज के लोगों को मंत्री डॉ अग्रवाल ने बधाई दी। साथ ही गंगा में दूध विसर्जित किया।
रविवार को त्रिवेणी घाट पर आयोजित भव्य कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल पहुंचे। उन्होंने कहा कि छठ पूजा को सूर्य छठ या डाला छठ के नाम से भी संबोधित किया जाता है। इसकी शुरुआत डूबते हुए सूर्य की अराधना से होती है।
डॉ अग्रवाल ने छठ शब्द का महत्व बताया। कहा कि शब्द छठ संक्षेप शब्द षष्ठी से आता है, जिसका अर्थ छः है, इसलिए यह त्यौहार चंद्रमा के आरोही चरण के छठे दिन, कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष पर मनाया जाता है। कार्तिक महीने की चतुर्थी से शुरू होकर सप्तमी तक मनाया जाने वाला ये त्यौहार चार दिनों तक चलता है। मुख्य पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के छठे दिन की जाती है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि सूर्य भगवान की पूजा कुष्ठ रोग जैसी बीमारियों को भी समाप्त करती है और परिवार की दीर्घायु और समृद्धि सुनिश्चित करती है। यह सख्त अनुशासन, शुद्धता और उच्चतम सम्मान के साथ की जाती है। डॉ अग्रवाल ने कहा कि छठ व्रत करने वालों के घर में हमेशा सुख-समृद्धि और आरोग्यता बनी रहती है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि छठ पर्व के दौरान हवा का नियमित प्राणिक प्रवाह गुस्सा, ईर्ष्या और अन्य नकारात्मक भावनाओं को कम करने में मदद करता है। डॉ अग्रवाल ने कहा कि सूर्य को शक्ति का देवता माना जाता है और इसकी आराधना पूजा हिन्दू धर्म में काफी महत्व रखती है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि देश विविधताओं से भरा हुआ है और हमें उन विविधताओं का आदर-सम्मान करना चाहिए। इस मौके पर डॉ अग्रवाल ने छठ व्रतियों के सुख, समृद्धि और खुशहाली की मंगल कामना की।
इस अवसर पर समिति अध्यक्ष राम कृपाल गौतम, प्रवक्ता लल्लन राजभर, कार्यक्रम अध्यक्ष शम्भू पासवान, संयोजक प्रदीप दुबे, उपाध्यक्ष प्रमोद शर्मा, महामंत्री परमेश्वर राजभर, कोषाध्यक्ष वीर बहादुर राजभर, जय प्रकाश नारायण, नागेंद्र सिंह, राजू गुप्ता आदि उपस्थित रहे।