भारतीय जनता पार्टी की केंद्र की नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने राज्य में विकास का खांका न सिर्फ तैयार किया, बल्कि इसे सींचना भी शुरू कर दिया है। डबल इंजन की सरकार बनते ही राज्य के नागरिकों को उम्मीद की किरण दिखी थी और इसमें केंद्र और राज्य सरकार सफल होती भी दिख रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सहयोग से उत्तराखण्ड में विकास के नये आयाम स्थापित हुए हैं। आपको बता दें कि अपने कार्यकाल में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य के विकास के लिए केंद्र सरकार से करीब एक लाख करोड़ रूपए की विभिन्न परियोजनाए स्वीकृत कराई हैं। वर्तमान में कई योजनाओं पर तेजी से काम भी चल रहा है। जिनमें ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजनाएं, चारधाम सड़क परियोजना, ऑल वेदर रोड, केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण, भारतमाला परियोजनाएं, जमरानी बहुउद्देशीय परियोजना, नमामि गंगे, देहरादून स्मार्ट सिटी आदि प्रमुख हैं।
डबल इंजन की सरकार की बदौलत ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल और ऑल वेदर रोड़ भविष्य में पहाड़ के लिए लाइफ लाइन साबित होगी। आर्थिक गतिविधियों के साथ ही आजीविका के संसाधन भी विकसित होंगे। त्रिवेंद्र सरकार ने केंद्र से टिहरी लेक डेवलपमेंट के लिए 1200 करोड़ रूपये, समेकित सहकारी विकास परियोजना के लिए 3340 करोड़ रूपए और स्मार्ट दून के लिए 1400 करोड़ रूपए स्वीकृत कराए हैं, इन प्रोजेक्ट में काम भी तेजी के साथ गतिमान है।
दोनों सरकारों ने तराई भाबर की लाइफलाइन जमरानी बहुउद्देशीय परियोजना को न केवल पर्यावरणीय स्वीकृति दिलाई है बल्कि इसके लिए 2584 करोड़ रूपए की सैद्धांतिक स्वीकृति भी दी है। उड़ान योजना में देहरादून, देश के दर्जनों शहरों से एयर कनेक्टिविटी से जुड़ चुका है, साथ ही पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने व सामरिक महत्व की दृष्टि से उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों को उड़ान योजना में शामिल कराकर एयरपोर्ट विकसित किये जा रहे है। नमामि गंगे में 15 प्राथमिकता के शहरों में नए एसटीपी निर्माण किया जा रहा है।
देवस्थानम बोर्ड का गठन यह दर्शाता है कि सरकार हमारे हक-हकूकधारियों को लेकर संजीदा है। साथ ही धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा देने की दिशा में कार्य कर रही है। चुनाव के दौरान किए गए वायदों को निभाने में त्रिवेंद्र सरकार पूर्ववर्ती सरकारों से आगे है। शिक्षा के क्षेत्र में सुमाड़ी में एनआईटी के स्थायी कैम्पस, देहरादून में कोस्ट गार्ड भर्ती सेंटर और रानीपोखरी में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया गया हैं। वहीं, डोईवाला में सीपेट के शुरू होने के बाद यहां सौ फीसदी प्लेसमेंट भी दिया जा रहा है। अल्मोड़ा में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन नेचुरल फाईबर की स्थापना की जा रही है। देहरादून में देश के पहले ड्रोन एप्लीकेशन प्रशिक्षण केंद्र एवं अनुसंधान प्रयोगशाला की स्थापना की गई है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की जीरों टाॅलरेंस नीति का ही यह नतीजा है कि अब तक सरकार के कार्यकाल में एक भी घोटाला नही हुआ है। एक के बाद एक ठोस निर्णय मुख्यमंत्री की दृढ़ इच्छा शक्ति को दर्शाते है। गैरसैंण को अस्थाई राजधानी बनाना और मुख्यमंत्री का पलायन रोकने के लिए वहां भूमिधर बनना इसका उदाहरण है। आइए हम भी मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के इस संकल्प को और मजबूत करे व उत्तराखंड को संवारने और देश के उच्च शिखर पर पहंुचाने के लिए सरकार के कदम से कदम मिलाकर चले।