मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को उनके मानदेय में प्रतिमाह 1500 रूपये की वृद्धि का निर्णय लिया है। साथ ही पीआरडी के तीन हजार से अधिक जवानों के मानदेय में प्रतिदिन 50 रूपये की वृद्धि करने पर मुहर लगाई है।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 12 बिंदुओं पर निर्णय लिया गया। सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि उपनल के माध्यम से राज्य सरकार के निगमों, निकायों, महकमों समेत विभिन्न प्रतिष्ठानों में कार्यरत 18371 और केंद्र सरकार के विभिन्न प्रतिष्ठानों में कार्यरत 2677 समेत कुल 21048 कार्मिकों के मूल वेतन में प्रतिमाह 1500 रुपये की वृद्धि करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
उपनल के जरिये सभी चार श्रेणियों अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल एवं उच्च प्रशिक्षित कार्मिकों के लिए यह वृद्धि लागू होगी। उन्होंने बताया कि उक्त चारों श्रेणियों में कार्मिकों को अभी मूल वेतन के रूप में क्रमशरू 5608 रुपये, 6655 रुपये, 7540 रुपये व 8540 रुपये निर्धारित हैं। अन्य भत्ते शामिल करने के बाद कुल मानदेय की राशि बढ़कर क्रमशरू 8680 रुपये, 10187 रुपये, 11461 रुपये, 12899 रुपये होती है। लेकिन इस मानदेय में श्रेणीवार क्रमशरू 1884 रुपये, 2229 रुपये, 2522 रुपये व 2851 रुपये की राशि की कटौती के बाद उपनल कार्मिकों को मानदेय का भुगतान किया जाता है।
मंत्रिमंडल ने उपनल के साथ ही पीआरडी जवानों को भी राहत देने का निर्णय लिया। हालांकि, पीआरडी जवानों के मानदेय में वृद्धि को लेकर संबंधित विभाग की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं आया था, लेकिन मंत्रिमंडल ने उनके मानदेय में भी प्रति दिन 50 रुपये की बढ़ोतरी का निर्णय लिया। पीआरडी में फिलवक्त तीन हजार से ज्यादा जवान कार्यरत हैं। इन जवानों को अभी प्रतिदिन 400 रुपये मानदेय दिया जा रहा है।