प्रस्तावित नेपाली फार्म टोल प्लाजा विरोधी सर्वदलीय संघर्ष समिति के तत्वावधान में विगत 43 दिन से चल रहा धरना 21 दिन से चल रहा क्रमिक अनशन तहसीलदार अमृता शर्मा ने तुड़वाया। तहसीलदार ने समिति के धरना स्थल में आकर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के पत्र का हवाला देकर अनशन कार्यों से अनशन समाप्त करने की अपील की। धरना स्थल में तहसीलदार अमृता शर्मा ने कहा कि वर्तमान में केवल लच्छीवाला टोल प्लाजा संचालित है तथा राष्ट्रीय राजमार्ग 58 अंतर्गत वर्तमान में अन्य टोल प्लाजा संचालित किए जाने हेतु अग्रिम आदेश प्राप्त नहीं है।
उक्त टोल प्लाजा संचालित करने की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। अतः आप लोगों को अपना अनशन समाप्त कर देना चाहिए। तहसीलदार अमृता शर्मा ने समिति के अध्यक्ष विजय पाल सिंह रावत एवं अन्य आंदोलनकारियों को जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया। समिति अध्यक्ष विजयपाल सिंह रावत व समिति के संयोजक संजय पोखरियाल ने कहा कि राजनीतिक लाभ लेने की दृष्टि से टोल प्लाजा का समस्त प्रकरण षड्यंत्र क्षेत्रीय विधायक विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने तैयार किया, जिसकी मजिस्ट्रेट जांच होनी अति आवश्यक है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला ने कहा कि आज राष्ट्रीय प्राधिकरण के पत्र से स्पष्ट हो गया कि नेपाली फार्म टोल प्लाजा के खेल में कोई ना कोई शामिल हैं और इसके पीछे कौन है इसकी जाँच की जानी चाहिये कि किसने वहाँ पर पेड़ कटवाये किसने वहाँ जेसीबी मशीन लगवाकर प्राकृतिक श्रोत की दिशा बदलने का काम किया यह एक अपराध है और इसके दोषी के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिये। रमोला ने समिति के सदस्य डा. रवि रस्तोगी के प्रयासों का आभार जताया।
आम आदमी पार्टी के विधिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अधिवक्ता लालमणि रतूड़ी ने कहा कि टोल प्लाजा प्रदेश सरकार की गलत नीतियों के कारण स्थापित किया जा रहा था। जिसे जागरूक जनता ने समय रहते नहीं लगने दिया। जो आम जनमानस की जीत है।
यूरोपी नेता कनक धनाई व समिति संरक्षक भगवती प्रसाद सेमवाल ने हिमालय और हिंदुस्तान के संपादक डॉ रवि रस्तोगी का टोल प्लाजा के संदर्भ में सच्चाई सामने लाने के लिए आभार प्रकट किया। इस अवसर पर किसान यूनियन लोक शक्ति के अध्यक्ष राणा सुरेंद्र सिंह, देवी प्रसाद व्यास, शोभा भट्ट, बाबूराम धारवान, लवीश जायसवाल, गब्बर कैंतूरा, मनोज गुसाई, गोकुल रमोला, रवि राणा, अमन पोखरियाल, के के थापा, कुंवर सिंह गोसाई, लालमणि रतूड़ी, देव पोखरियाल, यश अरोड़ा, हिमांशु जाटव आदि उपस्थित थे।




