लगता है विघ्नसंतोषियों के पास कोई काम ही नहीं है। अहमदाबाद में टीम भारत विश्व कप फाइनल क्या हारी, विघ्नसंतोषियों को तो मानो मौका ही मिल गया। टीम भारत की हार के बाद सोशल मीडिया पर ‘पनौती-पनौती’ के नाम से मुहिम छेड़ दी है। अरे भइया विघ्नसंतोषियों पहले ये तो जान लो जिसे तुम पनौती-पनौती कहकर कीचड़ उछाल रहे वो पनौती नहीं तुम्हारे ‘पापा’ हैं। मोदी जी को जो मैच खेलना है वो तो बहुत बेहतर तरीक़े से खेल रहे हैं। आज जो मैच खिलाड़ियों को खेलना था वो बस बेहतर नहीं कर पाये।
दरअसल, विघ्नसंतोषियों ने शायद आज यह खबर ही नहीं पढ़ी की भारत आज 4 ट्रिलियन की इकॉनमी बन गया है। अगर पढ़ी होती या इतने महत्वपूर्ण घटनाक्रम की जानकारी होती तो शायद ये सब ऊट पटांग बातें न करते। शर्मनाक तो ये की अपने देश के प्रधानमंत्री और अपने देश की टीम के हार में भी विघ्नसंतोषि खुशियां मना रहे हैं।
विघ्नसंतोषियों की जानकारी के लिए बता दें कि ‘भारत की अर्थव्यवस्था में ऐतिहासिक बढ़ोतरी हुई। पहली बार भारत की इकोनॉमी 4 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच चुकी है और इसके साथ ही यह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बनने के बेहद करीब पहुंच चुका है।
वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही के दौरान भारत की जीडीपी में 7.8 फीसदी की ग्रोथ हुई थी। हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने देश की अर्थव्यवस्था पर भरोसा जताया था। शक्तिकांत दास ने 31 अक्टूबर को अपने एक बयान में कहा था कि आर्थिक गतिविधयों को देखते हुए कुछ शुरुआती आंकड़ें सामने आए हैं, जिससे उम्मीद है कि नंवबर के अंत में दूसरी तिमाही के दौरान आने वाले GDP के आंकड़े चौंकाने वाले होंगे और आज मोदी जी की अगवाई में देश की अर्थव्यवस्था 4 ट्रिलियन हो गयी है, पर विघ्नसंतोषियों के पेट में मरोड़ उठ रही है और उनसे ये हजम नहीं हो रहा।