विदेशी जमीं के जंगलों की आग वाली वीडियों और फोटो को उत्तराखंड का बताकर सोशल मीडिया पर वायरल करने से कानूनी कार्रवाई हो सकती है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ट्वीट के जरिए तथा वन मंत्री सहित कई लोगों ने इसे भ्रामक खबर, वीडियों और फोटो बताया है। वहीं, डीजीएलओं ने इस पर कार्रवाई की बात कही है।
बता दें कि इन दिनों सोशल मीडिया पर आग लगने से उत्तराखंड जंगल की 71 हेक्टेयर जमीन पूरी तरह से बर्बाद हो गई है और लोगों की जान सहित कई जानवरों की मौत होने वाली खबर और वीडियों वायरल हो रही है। सोशल मीडिया पर ही जबरदस्त तरीके से ऐसी फेक न्यूज का खंडन शुरू हो गया। खुद वन मंत्री हरक सिंह ने साफ किया कि सोशल मीडिया पर उत्तराखंड के नाम से जो जंगल की आग की फोटो-वीडियो वायरल हो रहे हैं, उनमें कुछ पुराने और कुछ विदेशों के हैं।
वन मंत्री हरक सिंह ने आरोप लगाया कि फेक न्यूज फैलाकर विभाग की छवि को धूमिल किया जा रहा है। इसके बाद वन प्रमुख जयराज ने बाकायदा आदेश जारी कर मुख्य वन संरक्षक पराग मधुकर धकाते को सोशल मीडिया प्रभारी नियुक्त किया, उनसे कहा गया कि तथ्यों से परे सूचनाओं का पुरजोर खंडन करें। वहीं, वन अधिकारियों को भी आदेश दिया कि मीडिया प्रभारी को सटीक और सही जानकारी दी जाए। इसके साथ धकाते भी फेक न्यूज के खिलाफ सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए, उन्होंने सही जानकारी देते हुए एक वीडियो भी अपलोड किया।
पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल उत्तराखंड के जंगलों में आग की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है, वायरल फोटो-वीडियो में कुछ पुराने तो कुछ विदेशों के हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।