मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दून विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ सिनेमेटिक स्टडिज की स्थापना करते हुए फिल्म शिक्षा पर कोर्स प्रारम्भ किए जाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए विशेषज्ञों का एक वर्किंग ग्रुप बनाया जाए। इसमें फिल्म जगत व फिल्म शिक्षा के अनुभवी लोगों को नामित किया जाए।
प्रसिद्ध राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षण संस्थाओं द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों का अध्ययन कर कोर्स डिजाइन किए जाएं। पाठ्यक्रम आने वाले समय में फिल्म उद्योग की मांग के अनुरूप हों और सिनेमा के विविध आयामों को समावेशित करने वाला हो। इसमें स्नातक डिग्री और लॉजिस्टिक प्रोडक्शन के सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स भी संचालित किए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने फिल्म शूटिंग की ऑनलाइन अनुमति के लिए पोर्टल का शुभारम्भ भी किया।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में प्रतिभाओं की कमी नहीं हैं, युवाओं की प्रतिभा को कैसे उजागर किया जाय, इस दिशा में कार्य करने की जरूरत है। फिल्म के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। उत्तराखण्ड का नैसर्गिक सौन्दर्य भी फिल्म शूटिंग के लिए अनुकूल है। फिल्म के क्षेत्र में राज्य में युवाओं को अच्छा वातावरण मिलना जरूरी है। फिल्म एजुकेशन से फिल्म जगत के विभिन्न पहलुओं की जानकारी लोगों को मिलेगी।
इस अवसर पर महानिदेशक सूचना डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने राज्य की फिल्म नीति के सबंध में प्रस्तुतिकरण दिया।
पुस्तक देहरादून सिनेमॉज का सीएम ने किया विमोचन
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने लेखक एवं समीक्षक गोपाल सिंह थापा की पुस्तक देहरादून सिनेमॉज का विमोचन भी किया। इस पुस्तक में उन्होंने देहरादून में सिनेमाघरों की पहले की स्थिति एवं वर्तमान स्थिति का शोध कर विवरण प्रस्तुत किया है। मनोरंजन के क्षेत्र में तकनीकि के विकास के साथ सिनेमाघरों की स्थिति में आये परिवर्तन के बारे में जानकारी दी गई है।