उत्तराखंड में जमीन हड़पने और बेनामी संपत्ति के मामलों की जांच अन्य राज्यों को भेजनी पड़ती थी। मगर, अब कुमाऊं में पहले आर्थिक अपराध अनुसंधान (ईओडब्ल्यू) थाने के खुलने की आस जगी है। रूद्रपुर में थाना बनाने के लिए एसटीएफ की ओर से पुलिस मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा है।
सरकारी या निजी संपत्ति का दुरुपयोग आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे मामलों में आर्थिक अपराध की श्रेणी के हिसाब से केस दर्ज किया जाता है। दूसरे अपराधों की तरह आर्थिक अपराध की जांच भी कई एजेंसियां करती हैं। एक करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी या हेराफेरी के मामले की जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा करती है। यह किसी भी बड़े आर्थिक अपराध में अपने आप केस दर्ज कर सकती है।
कुमाऊं में इस तरह के अपराध होने पर यहां की पुलिस देहरादून में गठित आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा को जांच ट्रांसफर करती है। कुमाऊं में आर्थिक अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए यहां थाना खोलने की तैयारी लंबे समय से चल रही थी। एसटीएफ की ओर से रुद्रपुर में इसका थाना खोलने का प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय को भेज दिया गया है। उम्मीद है कि कोरोना संक्रमण कम होने पर इसे हरी झंडी मिल सकती है।