मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य से बाहर फंसे उत्तराखंड के लोगों को वापस राज्य में लाने की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि संबंधित राज्यों से समन्वय बनाते हुए सुनियोजित तरीके से सारी व्यवस्था की जाए। इसमें पूरी सावधानी के साथ व्यक्तिगत दूरी, मास्क, सेनेटाइजेशन आदि मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाए। जिन लोगों को वापस लाया जाना है, कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत उनकी समुचित स्क्रीनिंग की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही सारी कार्यवाही हो। राज्य में आने पर यदि होम क्वारेंटाईन किया जाता है तो यह भी सुनिश्चित किया जाए कि होम क्वारेंटाईन का सख्ती से पालन हो। इसके लिये आवश्यक होने पर ग्राम प्रधानों को कुछ अधिकार दिये जा सकते हैं।
सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि अभी तक 87 हजार लोगों ने वापस आने के लिए अपना पंजीकरण कराया है। इनमें अधिकांश लोग पर्वतीय जिलों के हैं। बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी अनिल कुमार रतूङी, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, राधिका झा भी उपस्थित रहे।
स्पेशल ट्रेन से वापस लाये जायेंगे उत्तराखंडी
उत्तराखण्ड से बाहर फंसे राज्य के लोगों को वापस लाने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से विभिन्न मार्गो पर 12 स्पेशल ट्रेन चलाने का अनुरोध किया है। इनमें दिल्ली से देहरादून, दिल्ली से हल्द्वानी, चंडीगढ़ से देहरादून, लखनऊ से देहरादून, लखनऊ से हल्द्वानी, जयपुर से देहरादून, जयपुर से हल्द्वानी, मुम्बई से देहरादून, मुम्बई से हल्द्वानी, भोपाल से देहरादून, बैंगलोर से देहरादून और अहमदाबाद से देहरादून के लिए अनुरोध किया गया है। राज्य से बाहर फंसे उत्तराखंड के लोगों को वापस राज्य में लाये जाने के संबंध में बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री से बात कर यह अनुरोध किया है।