उत्तर प्रदेश के भाजपा के चार दलित सांसदों की प्रदेश सरकार के विरूद्ध नाराजगी को पीएम नरेंद्र मोदी ने बहुत गंभीरता से लिया है। पिछले दिनों सावित्रीबाई फुले, छोटे लाल, इटावा के सांसद अशोक कुमार, नगिना के यशवंत सिंह दलितों के मसले पर राज्य और केंद्र सरकार की भूमिका पर सवाल उठा चुके हैं।
पीएम मोदी ने शनिवार को चारों दलित सांसदों की नाराजगी की चिंता करते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिल्ली बुलाया और इस विषय पर न केवल चर्चा की बल्कि इस मसले पर विस्तृत रिपोर्ट भी यूपी बीजेपी से मांगी है।
दरअसल, बीजेपी आलाकमान पहले ही गोरखपुर और फूलपुर के उपचुनाव में हार से पहले परेशान था। अब एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पार्टी के एक के बाद एक यूपी के चार बीजेपी दलित सांसदों की नाराजगी पीएम मोदी के लिए भी सिरदर्द बन गई है।
सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी ने योगी आदित्यनाथ को साफ तौर से ये बता दिया है कि इस मसले को जल्द से जल्द सुलझा लिया जाए। साथ ही इस बात की भी हिदायत दी कि जरूरत पड़े तो नाराज सांसद से पार्टी बैठकर बात करे और इनकी समस्या का समाधान किया जाए। इनके अलावा बीजेपी सांसद उदित राज ने शनिवार रात आरोप लगाया कि इस सप्ताह के शुरू में भारत बंद के दौरान प्रदर्शन के बाद से देश के विभिन्न हिस्सों में दलित समुदाय के सदस्यों को प्रताड़ित किया जा रहा है।
उदित राज ने इस बारे में सिलसिलेवार ट्वीट किए। उन्होंने कहा, दो अप्रैल को हुए आंदोलन में हिस्सा लेने वाले दलितों पर अत्याचार की खबरें मिल रही हैं और यह रुकना चाहिए।