मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में ‘मुख्यमंत्री सलाहकार समूह’ की प्रथम बैठक आयोजित की गई। राज्य में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखण्ड सरकार ने ‘‘स्टार्टअप, नवाचार और उद्यमिता पर मुख्यमंत्री सलाहकार समूह’’ स्थापित किया है। राज्य में स्टार्टअप ईकोसिस्टम विकसित करने के लिए इस समूह द्वारा नवाचार और उद्यमिता के लिए राज्य में एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने, अनुसंधान और नये उत्पादों, सेवाओं, व्यापार मॉडल के विकास को प्रोत्साहित करने, उपयुक्त पॉलिसी योजनाओं और आवश्यक समर्थन प्रणाली को विकसित करने हेतु परामर्श देना है। इसके अलावा पाठ्यक्रम, मॉड्यूल प्रशिक्षण, कार्यशालाओं और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में नवाचार और उद्यमशीलता के बारे में जागरूकता, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निकायों और एजेंसियों के साथ आवश्यक साझेदारी हेतु सलाह देना है। बनाए गए ‘मुख्यमंत्री सलाहकार समूह’ में 07 सरकारी एवं 06 गैर सरकारी सदस्य शामिल हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि आत्मनिर्भरता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लोकल के लिए वोकल बनने की जो बात कही गई यह उस दिशा में प्रयास है। उद्यमिता, नवाचार एवं स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए राज्य में यह नई पहल की जा रही है। जिसमें सरकारी के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के गैर सरकारी विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। इन विशेषज्ञों की सलाह से राज्य के औद्योगिक विकास एवं हिमालयी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड विविध जैव विविधताओं वाला राज्य है, यहां कि जैव विविधता का फायदा लेते हुए इस दिशा में अनेक कार्य हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जैसे नवोदित राज्य में औद्योगिक विकास की बहुत संभावनाएं हैं। राज्य में इन्वेस्टर समिट के दौरान सवा लाख करोड़ के एमओयू हस्ताक्षरित किये गये। जिसमें से 25 हजार करोड़ के कार्यों की ग्राउंडिंग हो चुकी है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोविड 19 के जिस दौर से हम गुजर रहे हैं, उससे औद्योगिक गतिविधियां जरूर प्रभावित हुई हैं। इस दौर दिक्कतें भी आई हैं और नई संभावनाएं भी विकसित हुई हैं। उन्होंने कहा कि इस समूह के विशेषज्ञों द्वारा उत्तराखण्ड में मेडिकल एवं मेंटल हेल्थ को लेकर क्या कार्य हो सकते हैं, इस पर जरूर सुझाव दें। उन्होंने कहा कि ग्रुप के सभी सदस्यों के सुझावों पर गम्भीरता से कार्य किया जायेगा।
वीडियो कांफ्रेंस से विशेषज्ञों के सुझाव
वीडियो कांफ्रेंस से कोविड-19 के कारण उत्पन्न हुई चुनौतियों और अवसरों, नवाचार और उद्यामिता को बढ़ावा देने के लिए नई पहलों पर चर्चा की गई। इंडियन एंजल नेटवर्क के फाउण्डर डॉ. सौरभ श्रीवास्तव ने सुझाव दिया कि राज्य में उद्यमिता के विकास के लिए जो भी योजना बने राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से बने। स्टार्टअप के तहत जॉब क्रियेशन पर विशेष ध्यान दिया जाय। उत्तराखण्ड के उत्पादों की अलग ब्रांडिंग हो, वैल्यू एडिशन पर विशेष ध्यान दिया जाय। नैना लाल किदवई ने कहा कि रूरल टूरिज्म एवं होम स्टे को बढ़ावा दिया जाय। एग्रो प्रोसेसिंग एवं फोरेस्टरी सेक्टर में अनेक कार्य किये जा सकते हैं। विनीत नायर ने कहा कि मेंटल हेल्थ के क्षेत्र में अनेक कार्य हो सकते हैं। हमें सबसे पहले बच्चों के मेंटल हेल्थ पर फोकस करना होगा। स्टार्टअप का भविष्य साइंस और तकनीक पर आधारित है। इस दिशा में पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। रमन रॉय ने कहा कि लाईवलीहुड बिजनेस पर ध्यान देने की जरूरत है। राज्य बिजनेस के कल्चर को प्रमोट करने की जरूरत है। विभिन्न सेक्टर में कार्य करने के लिए प्रत्येक सेक्टर के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने होंगे। संजीव बिखचंदानी ने कहा कि राज्य में कुछ बड़े उद्योग स्थापित करने होंगे। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत अनेक कार्य किये जा सकते हैं।