नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के 34 प्रशिक्षु और सात पर्वतारोहण प्रशिक्षक डोकरानी बामक ग्लेश्यिर में द्रोपदी डांडा-2 पहाड़ी पर बीते 22 सितंबर को बेसिक/एडवांस कोर्स के प्रशिक्षण के लिए गए थे। इसी दौरान वहां से लौटते समय वे एवलांच की चपेट में आ गए है। निम प्रशासन के अनुसार, रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। समाचार दिए जाने तक 4 प्रशिक्षुओं के शव बरामद हुए हैं और 4 प्रशिक्षुओं को सकुशल बरामद किया गया है, जबकि 26 प्रशिक्षु अभी भी लपता है। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने बताया कि मौसम खराब होने की वजह से अभी रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया है। मौसम ठीक होने पर दोबारा रेस्क्यू शुरू किया जाएगा। वहीं, चीता हेलिकाप्टर के द्वारा घटनास्थल के लिए उड़ान भरी गई लेकिन मौसम खराब होने के कारण पायलट को वापस लौटना पड़ा।
डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि एयरफोर्स से शासन ने संपर्क किया है। तीन हेलीकॉप्टर पूरे क्षेत्र की रेकी करेंगे। एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि सहस्त्रधारा हेलीपैड से एसडीआरएफ की पांच टीमें घटनास्थल के लिए रवाना की गई है। तीन टीमों को रिजर्व में रखा गया है। जरूरत पड़ने पर इन टीमों को भी रवाना किया जाएगा। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि क्रेवांस में फंसे लोगों को निकालने के लिए निम द्वारा रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। घटना स्थल पर निम के पास दो सेटेलाइट फोन मौजूद हैं। रेस्क्यू अभियान के लिए निम के अधिकारियों के साथ निरन्तर समन्वय किया जा रहा है।
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इस मामले में बात की। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के लिए सेना की मदद मांगी गई है। इस घटनाक्रम को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने भी हादसे को लेकर अधिकारियों से जानकारी ली है।
Oct42022