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उत्तराखंड में 3 सीएम बदलकर भी धमाके से जीत रही बीजेपी, 70 में से 44 सीटों पर भाजपा आगे

देहरादून। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी है। मतगणना में शुरुआत से ही सत्ताधारी दल भाजपा के प्रत्याशी ने बढ़त बनाई हुई है। राज्य की 70 में से 44 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी अपने निकटतम प्रत्याशियों से आगे चल रहे हैं। वही दूसरे नंबर पर कांग्रेस है। कांग्रेस 70 में से महज 22 सीटों पर आगे चल रही है। 2 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने बढ़त बनाई हुई है।

एग्जिट पोल से उलट आए नतीजों से भाजपा में जहां जश्न का माहौल है । वहीं कांग्रेसी खेमे में मायूसी देखने को मिल रही है। भाजपा मुख्यालय पर शुरुआती बढ़त के बाद ही जश्न का माहौल देखने को मिल रहा है। होली से पहले ही भाजपा मुख्यालय पर कार्यकर्ता अबीर गुलाल खेल रहे हैं। भाजपा नेताओं को उम्मीद है कि उनका 60 पार का नारा जरुर पूरा होगा धीरे-धीरे उनकी बढ़त 60 सीटों से अधिक तक पहुंचेगी।

भाजपा नेताओं की माने तो यह सब प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता का जादू है । प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जो पिछले 7 सालों में देश में ऐतिहासिक कार्य हुए हैं और उत्तराखंड में कई परियोजनाएं लगातार प्रगति के पथ पर हैं उसी का नतीजा है कि जनता ने भाजपा पर मुहर लगाई है।

उत्तराखंड में रुझानों में भाजपा की स्पष्ट बहुमत की सरकार बनती हुई नजर आ रही है। ऐसे में साफ है कि प्रदेश में तीन-तीन मुख्यमंत्री बदलने के बाद भी जनता ने भाजपा पर ही विश्वास जताया है। भाजपा के दोबारा इतिहास रचने के पीछे मोदी मैजिक, धाकड़ धामी और पिछले 6 माह में सरकार के कार्यकाल पर जनता ने वोट किया है। जानिए वो 3 वजह जिस वजह से प्रदेश में दोबारा भाजपा सत्ता पाती हुई नजर आ रही है। प्रदेश में 2017 में भाजपा की प्रचंड बहुमत की सरकार आई थी, जिसमें भाजपा को 57 सीटें मिली थी। भाजपा ने सबसे पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत उसके बाद तीरथ सिंह रावत और चुनाव से ठीक पहले ​पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया। ऐसे में चुनाव से पहले कांग्रेस इस बात का दावा कर रही थी कि जनता भाजपा को माफ नहीं करेगी, लेकिन जो परिणाम आया है, उसमें साफ है कि जनता ने मोदी के नाम पर ही वोट किया है। जिससे मोदी मैजिक के सहारे भाजपा फिर से सत्ता के करीब पहुंचती हुई नजर आ रही है।

भाजपा ने चुनाव से 6 माह पहले पुष्कर सिंह धामी को कमान सौंपी। धामी के मुख्यमंत्री बनने पर विरोधियों ने उनके अनुभवों पर सवाल खड़े किए लेकिन धामी ने 6 माह में ही शानदार प्रदर्शन कर विरोधियों को परास्त कर दिया। यही कारण रहा कि पुष्कर सिंह धामी को रक्षा मंत्री राजना​थ सिंह ने धाकड़ धामी कहा। इतना ही नहीं धामी को फ्लावर नहीं फायर कहा। जिसका असर चुनाव परिणाम में भी दिख रहा है।

भाजपा की सरकार ने अंतिम 6 माह में कर्मचारियों की प्रमुख मांगों पर तुरंत फैसला लिया। इसके अलावा त्रिवेंद्र सरकार के समय में बना देवस्थानम बोर्ड को धामी ने रद्द कर जनता के अनुरूप फैसले लिए। इससे भाजपा को गढ़वाल मंडल पर जनता का शानदार आशीर्वाद मिला है। इसके अलावा धामी सरकार ने आते ही सरकारी सेवाओं में रोजगार खोलने के अलावा कई ऐतिहासिक फैसले लिए जिससे जनता ने एक बार फिर धामी सरकार पर भरोसा जताया है।