तीर्थनगरी निवासी एक दंपत्ति के साथ सरोगेसी मां बनने के नाम पर एक महिला द्वारा धोखाधड़ी का मामला प्रकाश में आया है। जिसे पुलिस ने पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार कर लिया है।
ऋषिकेश थाना क्षेत्र निवासी एक दंपति ने बीती छह मार्च 2018 को ऋषिकेश कोतवाली में तहरीर दी थी। उनका कहना था कि शादी के कई साल बाद भी उनकी कोई संतान नहीं हुई, जिसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी के साथ सलाह मशवरा कर सरोगेसी विधि द्वारा संतान प्राप्त करने पर एक राय की। जुलाई 2014 में उन दोनों की मुलाकात एक महिला से हुई जिसने सरोगेसी विधि के जरिए उन्हें बच्चा पैदा कर देने की बात कही।
दंपति ने बताया कि इसके एवज में महिला ने उनसे ढाई लाख रूपय में बात तय की। आरोप है कि मेरठ के एक टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर में भ्रूण प्रत्यारोपण के बाद उक्त महिला के समस्त इलाज, खान-पान, रहन रहन-सहन और और दवा आदि का प्रबंध दंपति द्वारा अलग से किया गया। गर्भधारण के तीन माह बाद उक्त महिला का अल्ट्रासाउंड कराया गया तो पता चला कि उसके गर्भ में एक नही बल्कि दो भ्रूण जीवित अवस्था में हैं। महिला को जब इसका पता चला तो उसने एक भ्रूण दंपत्ति को देने की बात कही। मगर, कुछ समय बाद महिला की नीयत बदल गयी और वह बिना कुछ बताये अचानक दंपति से दूर होकर गायब हो गई। काफी खोजबीन के बाद भी उक्त महिला का कोई पता नहीं चल पाया। जब उसके मोबाइल पर संपर्क किया गया तो महिला ने बताया कि उसकी एक ही संतान पैदा हुई, दूसरी संतान मृत पैदा हुई है, इसलिए वह अपने संतान दंपत्ति को नहीं देगी।
कोतवाली पुलिस ने आरोपित महिला के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने पूरे मामले में की छानबीन के लिए एसटीएफ की भी मदद ली। जिसके बाद पुलिस ने 11 जुलाई को उक्त महिला को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार कर लिया। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक प्रवीण सिंह कोश्यारी ने बताया कि महिला सरोगेसी मां बनने के नाम पर कुछ अन्य लोगों से भी धोखाधड़ी कर चुकी है। इस पूरे मामले की जांच की जा रही है। आरोपित महिला को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।