ऑनलाइन साइट ओएलएक्स पर सैन्यकर्मी बन कर अब तक कई लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाने वाले अलवर (राजस्थान) के साइबर ठग को एसटीएफ टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। शातिर ठग ने अभी तक उत्तराखंड सहित आठ से अधिक राज्यों के दर्जनों लोगों को शिकार बना चुका है। उसके बैंक अकाउंट से बीते चार महीने के दौरान तीस लाख रुपये के ट्रांजेक्शन का पता चला है। आरोपित को अलवर से लेकर दून पहुंची एसटीएफ ने उसे मंगलवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
डीआइजी एसटीएफ रिधिम अग्रवाल ने बताया कि आरोपित की पहचान अजहर मोहम्मद उर्फ अजहर खान पुत्र वसी खान निवासी ग्राम पलानखेड़ा, तहसील व थाना गोविंदगढ़, जिला अलवर, राजस्थान के रूप में हुई। जनवरी में ओएलएक्स पर एक कार बेचने के नाम पर अली अहमद पुत्र सईद अहमद निवासी शंकरपुर हुकूमतपुर पोस्ट रामपुर कला, सहसपुर से 1.72 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। जिस शख्स ने विज्ञापन दिया था, उसने खुद को सैन्यकर्मी बताया था। इस मामले में अली अहमद के पास कई मोबाइल नंबरों से फोन आए थे। इन नंबरों की कॉल डिटेल रिकार्ड निकलवाने पर पता चला कि ये सारे फोन नंबर अलवर में सक्रिय हैं। ठग की सटीक लोकेशन ट्रेस होने पर एक टीम अलवर भेजी गई। सोमवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में उसके असली नाम का का पता चला। उसके पास से तीन मोबाइल फोन और फर्जी आइडी पर लिए गए एक दर्जन से अधिक सिम और कई वाहनों के पंजीकरण नंबर और फर्जी कागजात बरामद हुए हैं। गिरोह के अन्य सदस्य राडार पर
मोहम्मद अजहर मेवाती (मेऊ) जाति का है। उसके गिरोह में आधा दर्जन सदस्य हैं। एसटीएफ ने बताया कि इन सभी के बारे में जानकारी मिल गई है, गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।
मोहम्मद अजहर अलवर या राजस्थान के किसी शख्स को फांसने की कोशिश नहीं करता। वह राज्य से बाहर के लोगों को टारगेट करता था। एसटीएफ के अनुसार वह उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात व अन्य राज्यों के एक दर्जन से अधिक लोगों को शिकार बना चुका है।
देहरादून के अली अहमद ने बीती 16 जनवरी को जब मोहम्मद अजहर को फोन किया था, तब उसने खुद को भारत-पाक बार्डर पर डुमरी में तैनात होना बताया था। साथ ही तब अपना नाम आनंद कुमार पुत्र अनिल कुमार बताया था। दरअसल, गुजरात के जिस पंजीकरण नंबर की गाड़ी को उसने ओएलएक्स पर अपलोड किया था, वह आनंद कुमार के नाम पर ही थी