उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा में जाने के लिए अन्य राज्यों से तीर्थनगरी पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए एक मई से बीटीसी परिसर में हेल्प डेस्क शुरू होगी। इस डेस्क पर विभिन्न विभागों के कर्मचारी तैनात रहेंगे, जो अपने विभाग की शिकायतों का निस्तारण करेंगे। यह सहायता केंद्र सुबह छह से रात आठ बजे तक खुला रहेगा।
बस ट्रांजिट कंपाउंड स्थित पर्यटन विभाग के कार्यालय में उप जिलाधिकारी प्रेमलाल के नेतृत्व में बैठक आयोजित हुई। बैठक में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी डॉ. अनिता चमोला ने बाहरी राज्यों की बसों में यहां से सवारियां बैठाने पर रोक लगाने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बॉर्डर चौक पोस्ट पर वाहनों की चेकिंग कर यात्री सूची मांगी जाएगी। यदि ग्रीन कार्ड सही पाया गया तो चौकपोस्ट से परिवहन विभाग का होलोग्राम व मोहर लगाई जाएगी। यात्री सूची न दिखा पाने पर बाहरी राज्यों का ग्रीन कार्ड जब्त किया जाएगा। इसके अलावा बस को सीज कर पूरे यात्रा सीजन के लिए उसे ब्लैक लिस्ट किया जाएगा।
गढ़वाल आयुक्त वीबीआरसी पुरुषोत्तम ने पूर्व में हुई बैठक में सभी विभागों को यात्रियों की सुविधा के लिए एक कंट्रोल रूम बनाने को कहा था। इस मामले में सोमवार को हुई बैठक में यह तय हुआ कि एक मई से चारधाम यात्रा सीजनल सहायता केंद्र के नाम से हेल्प डेस्क शुरू होगी। इसमें प्रशासन सहित परिवहन, पर्यटन, पुलिस, संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति, नगर निगम, रोडवेज का एक-एक कर्मचारी बैठेगा। इससे जिस यात्री को जिस विभाग से शिकायत होगी। उससे वह विभाग मौके पर ही सुनवाई करेगा। यह सहायता केंद्र सुबह छह से रात आठ बजे तक खुला रहेगा।
स्लोगन बोर्ड से तीर्थ यात्रियों को करेंगे जागरूक
बैठक में यह सवाल उठा कि बीटीसी परिसर पर कुछ ट्रेवल एजेंसियों के एजेंट अनधिकृत रूप से घूमते हैं, जो यात्रियों को डायवर्ट करने का काम करते हैं। इसके लिए उप जिलाधिकारी प्रेमलाल ने कहा कि बीटीसी परिसर पर जगह-जगह अनधिकृत ट्रेवल एजेंटो से सावधान, कृप्या बस की बुकिंग रोटेशन के काउंटर से ही कराए आदि स्लोगन लिखे बोर्ड लगाए जाएंगे।
ड्राइविंग के इन बातों का ध्यान रखना होगा
एआरटीओ डॉ. अनिता चमोला ने कहा कि यात्रा शुरू होने में हफ्ते भर का समय शेष रह गया है। ऐसे में बस चालकों के लिए परिवहन विभाग ने कुछ जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। कोई भी बस चालक चप्पल पहनकर गाड़ी नहीं चलाएगा। चालक आठ घंटे से ज्यादा ड्राइविंग नहीं करेगा। बस में ओवर लोडिंग नहीं की जाएगी। इसके अलावा यात्रा को दस दिन के बजाये नौ दिन में पूरा करने के लिए ओवर स्पीड पर भी नियंत्रण करने को कहा गया है। यात्रा के दौरान बस चालकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह नशा न करें। साथ ही ड्राइविंग के दौरान मोबाइल इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध रहेगा।