सरकारी महाविद्यालयों में प्रवेश को लेकर अकसर मारामारी रहती है। इससे परेशान छात्र-छात्राओं को उत्तराखंड सरकार ने बड़ी राहत प्रदान की है। प्रदेश के 17 राजकीय महाविद्यालयों में 10 फीसद सीटें बढ़ाने को सरकार ने हरी झंडी दे दी। इस संबंध में उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव आनंद बर्द्धन ने गुरुवार को आदेश जारी कर दिए है।
सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 फीसद आरक्षण देने के चलते राज्य के सभी 105 महाविद्यालयों में 10 फीसद सीटें नहीं बढ़ाई हैं। बीते 19 अगस्त को विधानसभा में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई विभागीय बैठक में उन महाविद्यालयों को चिह्नित किया गया, जहां प्रवेश को लेकर अधिक दबाव था। कॉलेजों में आवश्यकता को देखते हुए ही 10 फीसद कमजोर वर्गों के लिए आरक्षित सीटों को बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। यह भी बताया गया कि हर कॉलेज में दाखिले को लेकर मारामारी की स्थिति नहीं है। साथ ही कुलपति और शिक्षा निदेशक की सहमति के बाद अतिरिक्त सीट की वृद्धि की छूट देने का निर्णय भी लिया गया। इससे पहले प्रभारी उच्च शिक्षा निदेशक ने बीती 17 अगस्त को इस संबंध में प्रस्ताव शासन को भेजा था।
अब शासनादेश जारी कर 17 कॉलेजों में गोपेश्वर, लोहाघाट, टनकपुर, पाटी, चंपावत, गंगोलीहाट, पिथौरागढ़, गरुड़, बागेश्वर, काशीपुर, रुद्रपुर, हल्द्वानी, खटीमा, बाजपुर, रामनगर, मंगलौर, ऋषिकेश में 10 फीसद सीटें बढ़ाई गई हैं। उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव आनंद बर्द्धन का कहना है कि उक्त कॉलेज 10 फीसद से अधिक सीट वृद्धि चाहते हैं तो उच्च शिक्षा निदेशक और संबंधित विश्वविद्यालय के कुलपति से सामंजस्य स्थापित कर और उनकी सहमति से अधिकतम 20 फीसद सीमा तक सीटों में इजाफा कर सकेंगे।
उत्तराखंड में कौशल विकास से होंगे रोजगार के अवसर
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थान व विश्वविद्यालयों में कौशल विकास (स्किल्ड डेवलपमेंट) केंद्र खोलने के प्रति सरकार गंभीर है, ताकि हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें। केंद्र सरकार ने कौशल विकास के लिए अलग मंत्रालय खोला है, जिसका उत्तराखंड अधिक से अधिक लाभ अर्जित करेगा। यह बात उन्होंने उत्तराखंड तकनीकी विवि (यूटीयू) में कौशल विकास पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के शुभारंभ अवसर पर कही।
यूटीयू में टेक्निकल एजुकेशन क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्रोग्राम (टीईक्यूआइपी-3) के अंतर्गत देश के युवाओं के कौशल को रणनीति एवं अभ्यास से बदलना विषय पर यह राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की जा रही है। डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश और देश ही नहीं वैश्विक स्तर पर कौशल विकास कितना महत्वपूर्ण है। इसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 में केंद्र में कौशल विकास मंत्रालय का गठन किया। इसका लाभ देशभर के राज्यों के लाखों युवाओं को मिल रहा है। कौशल विकास विवि, डिग्री कॉलेज, पॉलीटेक्निक, आइटीआइ, जिला व ब्लॉक स्तर पर गठित कौशल विकास केंद्र पर संचालित किया जा रहा है। जिसमें दर्जनों तकनीकी विषयों में युवाओं को पुस्तक अध्ययन के अलावा ट्रेनिंग भी दी जा रही है। इसके बाद हजारों युवा सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।