कोरोनाकाल में अनलॉक-5 के तहत अब विशेष शर्तों के साथ धार्मिक आयोजनों को अनुमति मिल रही है। वहीं, देहरादून जिले के ऋषिकेश में रामलीला मंचन को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है। रामलीला के लिए कलाकारों ने तैयारी तो कर ली है, लेकिन प्रशासन की अनुमति का इंतजार हो रहा है।
अक्टूबर से दिसंबर तक रामलीला, दुर्गापूजा, नवरात्र, दशहरा, ईद, क्रिसमस आदि के आयोजनों को प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है। कोविड 19 की गाइड लाइन के अनुसार कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रमों एवं समारोहों में अधिकतम 200 लोग हिस्सा ले सकेंगे। आयोजकों को मास्क, थर्मल स्क्रीनिंग और दो गज की दूरी आदि नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।
इस गाइडलाइन को कुछ दिन पूर्व जारी तो कर दिया गया, लेकिन हकीकत ये है कि रामलीला समितियों को अभी तक प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं मिली है। अनुमति मिलने के बाद ही समितियां आर्थिक व्यवस्था, आयोजन के निमंत्रण, मंचन के लिए आवश्यक तैयारी आदि कर पाएंगी। ऐसे में पहले या दूसरे नवरात्र से रामलीला का मंचन करना कई रामलीला समितियों के लिए मुश्किल होगा।
ऋषिकेश में श्री रामलीला कमेटी सुभाष बनखंडी के महामंत्री हरीश तिवाडी ने बताया कि 1955 से लगातार यहां रामलीला का मंचन किया जा रहा है। रामलीला प्रांगण में हर साल नवरात्र से रामलीला का मंचन आरंभ होता था। इस वर्ष अयोध्या में श्री राम मंदिर के शिलान्यास को लेकर भी उत्साह का माहौल है। उन्होंने बताया कि इस बार भी रामलीला महोत्सव की सभी
तैयारियां पूर्ण हैं। अब प्रशासन की अनुमति पर आयोजन की स्थिति निर्भर है।
श्री रामलीला कमेटी सुभाष बनखंडी की विशिष्ट पहचान के फलस्वरूप ऋषिकेश के दूर-दूर के स्थानों से श्रद्धालुजन यहां आते रहे हैं। महामंत्री हरीश तिवाडी ने बताया कि चैपाई, रागिनी, गीत संगीत तथा मनोहारी कलात्मक दृश्यों के साथ आयोजित की जाने वाले श्री रामलीला में स्थानीय कलाकारों की ओर से मनोहारी आयोजन किया जाता रहा है। इस वर्ष श्री रामलीला की 62वी पुनरावृत्ति की जा रही है।
इस वर्ष के आयोजन की भी तैयारियां पूरी होने के साथ ही कोविद-19 महामारी के कारण जिला शासन-प्रशासन से आयोजन किये जाने की अनुमति के लिए अनुरोध किया जा चुका है। अनुमति मिलने के बाद ही श्री रामलीला महोत्सव-2020 के आयोजन की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। यदि अनुमति मिलती है तो रामलीला का मंचन सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार किया जाएगा।