वैदिक फाउंडेशन हिमालयन योग आश्रम में स्वामी शंकर तिलक महाराज के गुरु बाबा बजरंग दास की 42वीं पुण्यतिथि पर आए हुए सभी संत महात्माओं ने अपनी-अपनी पुष्पांजलि समर्पित करते हुए अपने अपने संतमत रखते हुए पुष्पांजलि अर्पित की।
स्वामी शंकर तिलक महाराज ने कहा कि बाबा बजरंग दास महाराज भले ही हमारे बीच मैं नहीं है, लेकिन उनके बताए हुए मार्ग पर योगा ले आश्रम निरंतर प्रगति की ओर चल रहा है महाराज के द्वारा भारत ही नहीं पूरे विश्व में सनातन धर्म की ध्वजा को आगे बढ़ा रहे हैं।
शंकराचार्य परिषद उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष पंडित रवि शास्त्री ने बताया कि बाबा बजरंग दास की पुण्यतिथि पर आज 22 देशों में सनातन धर्म की ध्वजा एवं वेद वेदांत योग की शिक्षा साधकों को निशुल्क दी जा रही है। जहां वैदिक परंपरा का निर्वाह करते हुए अपने दिनचर्या मैं भी सनातन धर्म की परंपरा विदेशी साधक निभा रहे हैं।
यहां तक की साधको के नाम हमारी संस्कृति संस्कृत भाषा में नामकरण किया जाता है वही यज्ञोपवीत संस्कार उपनयन संस्कार जो हमारी संस्कृति में 16 संस्कारों का विधान है। उन सभी संस्कारों का वैदिक फाउंडेशन योगालय आश्रम अपने साधकों एवं अनुयायियों को प्रेरित करने का कार्य भी करता है और उसका पालन भी कराता है। बाबा बजरंग दास महाराज ने 56 देशों की यात्रा नंगे पैर चलकर विदेशों में सनातन धर्म का प्रचार प्रसार किया उसी का परिणाम है कि आज ऋषिकेश में योगालय आश्रम के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी शंकर तिलक जी महाराज की अध्यक्षता में अनेकानेक कार्यों को बल दिया जा रहा है महाराज द्वारा विश्व पटल पर भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाया जा रहा है शंकर दास जी महाराज ने कहा कि विश्व के एक लाख विदेशी साधकों को भारतीय सनातन धर्म की ध्वजा के नीचे लाकर भारतीय संस्कृति में पिरोया जाएगा उन्हें संस्कृत वेद वेदांत की शिक्षा दीक्षा दी जाएगी यह मेरा ग्रुप के प्रति लिया गया संकल्प है।
इस अवसर पर राम तपस्थली ब्रह्मपुरी के महामंडलेश्वर महंत दयाराम दास महाराज, महामंडलेश्वर राम कृपालु दास महाराज, भरत मिलाप आश्रम महामंडलेश्वर प्रकाशानंद महाराज, रामानुजाचार्य गोपाल आचार्य, महाराज महंत लोकेश दास महाराज, शंकराचार्य परिषद उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष पंडित रवि शास्त्री, महंत प्रेम वरुणी महाराज आदि उपस्थित रहे।