आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिये आपसी सौहार्द की आवश्यकता है। क्योंकि राम जन्मभूमि से देश के करोड़ों लोंगो की आस्था जुड़ी हुयी है। उन्होंने बताया कि मुस्लिम समुदाय के कई लोग भी यही चाहते है कि अयोध्या की राम जन्म भूमि पर प्रभु राम का ही मंदिर बने।
तीन दिवसीय प्रवास पर शुक्रवार को तीर्थनगरी पहुंचे श्रीश्री रविशंकर ने यहां सत्संग में कहा कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि में मंदिर बनाने का वे लोग विरोध कर रहे हैं, जिनका अस्तित्व ही संघर्ष करना है। राम जन्मभूमि मामले का मध्यस्थता के जरिये समाधान निकालने को लेकर चर्चा में आए श्रीश्री रविशंकर ने तीर्थनगरी में शीशमझाड़ी गंगा तट पर स्थित गंगाश्रय आश्रम में अनुयायियों की जिज्ञासा को दूर किया।
श्रीश्री ने बताया कि एक संत रामचंद्र दास उनके पास आए और बोले पिछले 30 वर्ष से वह राम मंदिर निर्माण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। कई मुस्लिम भाई, उनकी संस्था के युवा और इमाम भी राम जन्मभूमि मामले में उनसे मिले। सभी से उन्होंने स्पष्ट कहा कि आपसी सौहार्द से ही राम जन्मभूमि में मंदिर का निर्माण होगा। क्यों कि सौ करोड़ लोगों की आस्था राम मंदिर से जुड़ी है।