प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का उत्तराखण्ड में भी शुभारम्भ कर दिया गया है। सीएम आवास में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत व श्रम मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने 15 श्रमिकों को कार्ड वितरित किए। अहमदाबाद में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना का शुभारम्भ किया। यहां उत्तराखण्ड के दो श्रमिक अरूण कुमार व मनोज, सम्मानित होने वाले श्रमिकों में शामिल थे।
असंठित कामगारों के लिए पेंशन योजना ‘‘प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना’’ के राज्य स्तर पर शुभारम्भ के अवसर पर राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने गरीबों की सुध लेते हुए इस योजना की शुरूआत की है। हम सभी में गरीबों की परवाह करने की भावना होनी चाहिए। मजदूर कड़ी मेहनत करते हैं। जब 60 वर्ष की उम्र हो जाती है तो शरीर साथ नहीं देता है। कई बार ऐसा भी होता है कि संतान अपने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल नहीं करते हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना से मिलने वाली पेंशन बहुत बड़ा सहारा होगी। इस योजना की अधिक से अधिक श्रमिकों को जानकारी देनी चाहिए।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि स्वामी विवेकानंद, पं. दीनदयाल उपाध्याय, गुरू माधव सदाशिव गोलवलकर जी ने कहा था कि दरिद्र नारायण में भगवान रहते हैं। विकास की पंक्ति में सबसे नीचे खड़े व्यक्ति को ऊपर उठाना ही जीवन की सबसे बड़ी सिद्धी है। श्रमिकों में 90 प्रतिशत से अधिक असगंठित क्षेत्र में हैं। ऐसे मजदूरों की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सुध ली है। उन्होंने हमेशा गरीबों, किसानों व मजदूरों के हित की बात की है। आयुष्मान भारत, किसान सम्मान निधि, हर घर में शौचालय, जनधन योजना, आवास योजना ऐसी योजनाएं हैं जो गरीबों को सीधा फायदा पहुंचाती हैं। ये सतत चलता रहेगा। प्रधानमंत्री ने जिस नए भारत का सपना देखा है, वह तभी पूरा हो सकता है जब समाज का हर व्यक्ति मजबूत हों। ये सभी योजनाएं गरीबों को मजबूत करती हैं।
श्रम मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वे गरीबों के लिए बड़े काम करना चाहते हैं। उन्होंने अपने इस संकल्प को पूरा किया है। अटल जी ने भी कहा है कि छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता है, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता है। प्रधानमंत्री जी ने बड़ा मन दिखाया है।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और मजदूरों के लिए पेंशन का प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत 60 वर्ष की आयु के बाद असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को 3000 रुपये की मासिक पेंशन प्रदान करने का प्रावधान है। इस योजना में शामिल होने के लिए श्रमिकों को अपना पंजीकरण कराना होगा।
ऐसे श्रमिक जिनकी उम्र 18 से 40 साल के बीच है और मासिक कमाई 15,000 रुपये से कम है, वो सभी इस योजना से जुड़ सकते हैं। सभी कामगार जो घरों में सेवक के रूप में काम कर रहे हैं, कबाड़ से आजीविका कमाते हैं, खेत में मजदूरी कर रहे हैं, सड़कों व घरों के निर्माण में लगेे हैं, रेहड़ी व ठेले चलाते हैं, बुनकर हैं ऐसे कामों से जुड़े सभी कामगार योजना में शामिल हो सकते है। इस योजना के तहत कामगारों को 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 3000 रुपए की मासिक पेेंशन दी जाएगी। यदि कोई लाभार्थी 18 साल की उम्र में इस योजना से जुड़ता है तो उसे 55 रुपये मासिक प्रीमियम के तौर पर देना होगा। 29 साल की उम्र में 100 रुपये जबकि 40 साल की उम्र में जुड़ने वालों को 200 रुपये का मासिक अंशदान करना होगा। श्रमिक के बराबर राशि का अंशदान केंद्र सरकार द्वारा भी किया जाएगा।
कार्यक्रम में विधायक सुरेश राठौड़, सचिव हरबंस चुघ सहित अन्य विभागीय अधिकारी व असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिक मौजूद थे।