एम्स ऋषिकेश में ओपीडी सेवाओं ने फिर से तेजी पकड़ ली है। कोविड कर्फ्यू खुलने के बाद यहां ओपीडी मरीजों की संख्या में लगभग तीन गुना तक वृद्धि हो चुकी है। जुलाई के पहले सप्ताह में अब तक 10, 212 मरीज उपचार के लिए एम्स ओपीडी में पहुंच चुके हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या सामान्य रोगों से ग्रसित लोगों की है,जिससे जनरल मेडिसिन और कम्युनिटी एवं फेमिली मेडिसिन विभाग में परीक्षण के लिए पहुंचने वाले मरीजों की संख्या सर्वाधिक है।
अनलॉक के बाद ओपीडी मरीजों की साप्ताहिक संख्या में मई के बाद इस महीने तीन गुना वृद्धि हुई है। एम्स में 1 जुलाई से 7 जुलाई तक ओपीडी मरीजों की इस संख्या में सर्वाधिक 1631 संख्या जनरल मेडिसिन विभाग में स्वास्थ्य जांच कराने वाले रोगियों की है। जबकि दूसरे नंबर पर कम्युनिटी एंड फेमिली मेडिसिन विभाग में 1264 रोगियों ने अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराया। इसके अलावा आर्थो विभाग में 577 और त्वचा रोग विभाग में 507 रोगी जांच के लिए पहुंचे।
निदेशक प्रोफेसर रविकांत ने बताया कि उपचार के अभाव में मरीज परेशान न हों, इस विषय पर गंभीरता बरती जा रही है। उन्होंने कहा कि हम सबको कोरोनाकाल की इन्हीं परिस्थितियों में जीवन जीना है। ऐसे में कोरोना संक्रमण से बचाव के मूलमंत्र ’दो गज की दूरी’ और मॉस्क के अनिवार्य इस्तेमाल की शर्तों के साथ एम्स की विभिन्न ओपीडी सेवाओं को फिर से खोल दिया गया है।
एम्स अस्पताल के डीन हॉस्पिटल अफेयर्स प्रोफेसर यूबी मिश्रा ने बताया कि कोविड कर्फ्यू के दौरान संक्रमण के अत्यधिक मामले बढ़ने से लोग घर से बाहर निकलने में परहेज कर रहे थे। लिहाजा अब कोविड कर्फ्यू खुलने पर ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या बढ़ना स्वाभाविक है। उन्होंने बताया कि अनलॉक के बाद लगातार बढ़ रहे मरीजों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को देखते हुए लगभग सभी विभागों की ओपीडी फिर से खोल दी गई है। उन्होंने बताया कि प्रतीक्षारत मरीजों की सर्जरी करने के लिए शीघ्र ही ऑपरेशन थियेटर (ओटी) सुविधाएं भी बहाल कर दी जाएंगी।