एम्स भ्रष्टाचार मिटाने के लिए कृत संकल्पित है। इसके लिए संस्थान स्तर पर निगरानी कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी इस तरह के मामलों पर नजर रखती है और यदि कोई व्यक्ति इसतरह के किसी मामले में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है। संस्थान में किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह बात एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने कहीं।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में विजिलेंस वीक का आयोजन किया गया। जिसमें संस्थान के अधिकारियों, कर्मचारियों ने भ्रष्टाचार उन्मूलन में अपनी महति भूमिका निभाने की शपथ ली। समापन कार्यक्रम में अव्वल प्रतिभागियों को एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। जिसमें भ्रष्टाचार उन्मूलन को लेकर निबंध एवं पोस्टर प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर निदेशक एम्स ने भाषण व पोस्टर प्रतियोगिताओं में अव्वल रहे प्रतिभागियों को संस्थान की ओर से सम्मानित किया। विजिलेंस वीक कार्यक्रम के तहत संस्थान के विधि अधिकारी प्रदीप चंद्र पांडेय ने प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 व आरटीआई विषय, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी पंकज सिंह राणा ने विजिलेंस गाइडलाइंस फॉर स्क्रेप डिस्पोजल, सुरपरिटेंडेंट इंजीनियर अनुराग सिंह जी ने विजिलेंस गाइडलाइंस फॉर टेंडर एंड प्रोक्यूरमेंट केसेस, वित्त सलाहकार कमांडेंट पीके मिश्रा व एकाउंट ऑफिसर राजीव गुप्ता ने जीएफआर रूल्स व एडमिन ऑफिसर संतोष जी ने विजिलेंस अवेयरनेस आदि विषयों पर व्याख्यान प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम में डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता, मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. ब्रिजेंद्र सिंह, डीन हॉस्पिटल अफेयर्स प्रो. यूबी मिश्रा, वित्तीय सलाहकार पर्वत कुमार मिश्रा, डीन कॉलेज ऑफ नर्सिंग प्रो. सुरेश के. शर्मा, विधि अधिकारी प्रदीप पाण्डे, लेखा अधिकारी राजीव गुप्ता आदि मौजूद थे।