कुमांऊ साहित्यिक महोत्सव का आगाज

रामनगर।
कुमांऊ साहित्यिक महोत्सव (केएलएफ) का दूसरा संस्करण आज से शुरू हो गया है। यह महोत्सव 13 अक्टूबर तक जिम जंगल रिट्रीट ग्राम ढेला रामनगर (जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान) में होगा। 14 व 15 अक्टूबर को धनाचुली में आरोहा में होगा।
यह देश का पहला वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय च्रिट्रीटज् और ट्रैवलिंगज् साहित्यिक महोत्सव है। पिछले वर्ष इस महोत्सव का प्रथम संस्करण धानाचूली से शुरू होकर नैनीताल में समाप्त हुआ था और इसे एक अभूतपूर्व सफलता के रूप में देखा गया था। यह महोत्सव एक व्यापक दूरदृष्टि का हिस्सा है जिसके तहत धनाचुली को एक आदर्श सांस्कृतिक ग्राम के रूप में विकसित करने का उद्देश्य है। महोत्सव का यह दूसरा संस्करण साहित्य, प्रकाशन, सिनेमा और राजनीति की दुनिया के प्रख्यात नामों की मेजबानी कर रहा है।
मंगलवार को अपराह्न 3 बजे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जस्टिस ऐके सिकरी जज सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया, टी.एम.कृष्णा, कुमांऊ साहित्यिक महोत्सव के जन्मदाता सुमंत बत्रा व दलीप अकोई ने कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। ऋषि सूरी ने सभी उपस्थित वक्ताओं का धन्यवाद दिया। कार्यक्रम की शुरुवात सेशन शिफ्टिंग नोशन ऑफ दा नेशन स्टेट से हुई। जिसमें डॉक्टर अभिषेक मनु सिंघवी, जीन एछेनोज़, पवन के वर्मा व तरुण विजय वक्ता थे। संचालक भूपेंद्र चौबे रहे. इसके पश्चात के सेशन में करमचंद पर चर्चा हुई जिसमें डॉक्टर मंजरी प्रभु, पियूष झा, रवि सुब्रमनियन व सुरेंदर मोहन पाठक वक्त रहे और संचालक विष धमीजा रहे। इसके बाद के सेशन में इन्तिज़ार हुसैन को श्रद्धांजलि दी गई और उनके कार्यों पर चर्चा हुई। जिसमें डॉक्टर रख्शंदा जलील, डॉक्टर सैफ मोहमूद व जेरी पिंटू ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम में फिर अगला सेशन इन बिट्स-बाइट्स लिटरेचर इन दा फ़्लैश/फ़ास्ट ऐज रहा जिसमें अदिति माहेश्वरी गोयल, अनंत पद्मनाभन व रवि सिंह वक्ता रहे और संचालक किरण मंगल रही. उसके बाद सेशन रिलीज़ ऑफ़ ला लिट् रहा जिसमें जेम्स चौंपियन व रबी थापा ने अपने विचार रखे। दीप बेलवाल द्वारा आँखों देखि कानो सुनी भी अपने आप में रोचक रहा। दलित लिटरेचर पर चर्चा करते हुए सेशन वौइस् फ्रॉम दा वेल भी अपने आप में रोचक रहा जिसमें आशालता काम्बले, निरुपमा दत्त व उर्मिला पंवार वक्त रहे और संचालक जेरी पिंटू रहे। उसके बाद सरविविंग दा वाइल्ड रू योस्सी घिंसबर्ग सेशन चला. जेम्स चौंपियन और सुमंथा घोष की चर्चा भी रोचक रही। स्टार दन एंड नाउ सेशन भी सबने सराहा जिसमें असीम छाबरा, गौतम चिंतामणि, यासर उस्मान व स्तुति घोष वक्ता रहे और संचालक मयंक शेखर रहे. प्रथम दिवस की समाप्ति फ़ौज़िया दास्तानगो-फजल रशीद द्वारा दास्तानगोई से हुई।

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