मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ‘‘ग्रोथ सेन्टर्स’’ के लिये एक नीति बनाने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार यह वर्ष रोजगार वर्ष के रूप में मना रही है। रोजगार के अवसर सृजित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि ग्रोथ सेन्टर्स पलायन रोकने और ग्रामीण क्षेत्रों के सर्व समावेशी विकास में बड़ी भूमिका निभाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रोथ सेन्टरों द्वारा पहाड़ो में प्रति व्यक्ति आय में सुधार होगा तथा क्षेत्रीय विषमताएं कम होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक विकास के लिये सभी 670 न्याय पंचायतों को ग्रोथ सेन्टर्स से आच्छादित किया जायेगा। यह ग्रोथ सेंटर बहुउद्देशीय आर्थिक गतिविधियों के केन्द्र होंगे। इसके लिये इस वर्ष बजट में एमएसएमई विभाग हेतु 15 करोड़ रूपये की व्यवस्था भी की गई है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सभी विभाग यथा कृषि, उद्यान, डेरी, पशुपालन, आयुष, एमएसएमई आदि अपनी गतिविधियों के अनुसार प्रदेश में ग्रोथ सेन्टर एक्टिविटी चयनित कर लें।
मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को निर्देश दिये कि पॉलिसी की प्रतीक्षा किये बिना वे अपनी प्रारंभिक तैयारियां पूर्ण कर लें। उन्होंने कहा कि ग्रोथ सेन्टर्स की स्थापना ‘आउटकम’ बेस्ड होनी चाहिए। ग्रोथ सेन्टर्स के लाभ को देखने के लिये ‘इण्डिकेटर्स’ भी बनाये जायें।
प्रमुख सचिव मनीषा पंवार ने बताया कि ग्रोथ सेन्टर्स को लेकर हुई प्रारम्भिक बैठकों में प्रसंस्करण, निर्माण और सेवा क्षेत्रों में गतिविधियां चिन्हित करने का निर्णय लिया गया है। हर ग्रोथ सेन्टर में एक लीड एक्टिविटी (प्रमुख गतिविधि) को चिन्हित कर उसके अनुरूप उत्पादन एवं विपणन ‘चेन’ को प्रोत्साहित किया जायेगा।