ऋषिकेश में सात साल पुराने दहेज के लिए हत्या मामले में आज प्रथम अपर जिला व सत्र न्यायाधीश मनीष मिश्रा की अदालत ने सजा सुनाई है। मामले में आरोपी पति राजेश तनेजा, सास आशा तनेजा और देवर वरूण तनेजा को न्यायालय ने 14 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड जमा न करने की सूरत में सभी सजा प्राप्त अभियुक्तों को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
बता दें कि एक अक्टूबर 2006 को बबीता निवासी रामनगर नैनीताल का विवाह तुलसी विहार गुमानीवाला निवासी राजेश तनेजा के साथ हुआ। मायके पक्ष ने ससुराल पक्ष पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। साथ ही मारपीट का भी आरोप भी जड़ा था। इसके बाद 17 जून 2013 को बबीता की तबीयत खराब होने पर उसे दून रोड स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में लेकर गए, यहां से सरकारी अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।
इस मामले में 18 जून को मृतका के पिता ने ऋषिकेश कोतवाली में पति राजेश तनेजा, सास आशा तनेजा और देवर वरुण तनेजा के खिलाफ दहेज के लिए प्रताड़ित करने सहित हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। इस पर आज एडीजे प्रथम की अदालत ने पति राजेश तनेजा, सास आशा और देवर वरुण तनेजा को दहेज उत्पीड़न और दहेज के लिए हत्या का दोषी करार दिया। सभी को सजा भी सुनाई। न्यायालय ने माना कि महिला की मौत उसके भोजन में जहर मिला कर देने से हुई थी। जिसकी पुष्टि विधि विज्ञान विश्लेषण प्रयोगशाला में मृतका की बिसरा जांच के बाद हुई थी।