अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ऋषिकेश ने धोखाधड़ी के नौ साल पुराने मामले में आरोपी को दोषमुक्त किया है।
दरअसल 15 मार्च 2013 को जोगेंद्र सिंह बेदी नामक व्यक्ति ने कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि उन्होंने मनी मोहन विश्वास से एक जमीन का सौदा 20 लाख रूपये में किया था। तहरीर में बताया था कि दो गवाहों की मौजूदगी में उन्होंने 16 लाख रूपये उन्हें दिए थे। यह भी बताया था कि उक्त संपत्ति पर मनी मोहन विश्वास ने 4 लाख रूपये का ऋण बैंक से लिया था। उन्होंने मनी मोहन विश्वास पर रजिस्ट्री न देने का भी आरोप लगाया था। साथ ही गाली गलौच करते हुए जान से मारने तक की धमकी दी थी। उक्त मामला न्यायालय में दाखिल हुआ और इसमें छह गवाह न्यायालय में प्रस्तुत किए गए।
मगर, दायर वाद में अधिवक्ता शुभम राठी ने मनी मोहन विश्वास की ओर से मजबूत पैरवी की। उन्होंने न्यायालय में प्रस्तुत गवाहों से प्रति परीक्षा की, तो सभी के बयानों में मूल बयानों से भिन्नता पाई गई। यही नहीं, जोगेंद्र बेदी से भी सवालात करने पर बयान अलग मिले।
अधिवक्ता शुभम राठी ने न्यायालय के समक्ष यह सिद्ध किया कि जोगेंद्र बेदी की आर्थिक स्थिति मजबूत है, वह बड़ा व्यवसायी है। ऐसे में बिना संपत्ति कागजों का मुआयना किए बिना 20 लाख रूपये का सौदा करना स्वीकार योग्य नहीं है।
अधिवक्ता शुभम राठी की मजबूत पैरवी की बदौलत अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ऋषिकेश भवदीप रावते ने मनी मोहन विश्वास पुत्र स्व. देवेंद्र नाथ विश्वास निवासी रायवाला को आरोपों से दोषमुक्त किया है।