मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कुपोषण मुक्त उत्तराखण्ड के लिए शुरू किये गये गोद अभियान में कुपोषण मुक्त बच्चों के अभिभावकों को सम्मानित किया। कहा कि प्रधानमंत्री ने कुपोषण मुक्त भारत का जो अभियान चलाया है। इस दिशा में स्वयं सेवी संस्थाओं, जन प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने बच्चों को गोद लेकर उनको कुपोषण मुक्त करने की दिशा में अच्छा कार्य किया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि एक वर्ष पूर्व अति कुपोषित बच्चों को गोद लेने का जो अभियान शुरू किया गया था, इसके अच्छे परिणाम रहे। बच्चों को कुपोषण मुक्त बनाने में माँ की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बच्चों की नियमित एवं संतुलित खान-पान से कुपोषित बच्चे जल्द सामान्य श्रेणी में आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि किसी बच्चे के कुपोषित होने पर उसका नुकसान न केवल बच्चे के माता-पिता पर पड़ता है, बल्कि पूरे समाज को इसका नुकसान होता है। कुपोषण मुक्त भारत बनाने के लिए हम सबको प्रयास करने होंगे।
सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास सौजन्या ने कहा कि कुपोषण मुक्त उत्तराखण्ड के लिए शुरू किये गये गोद अभियान को आगे भी जारी रखा जायेगा। पिछले वर्ष जब यह अभियान शुरू हुआ था, तब राज्य में 1700 अति कुपोषित एवं 12 हजार कुपोषित बच्चे थे। इस अभियान के तहत 9 हजार 177 बच्चों को गोद लिया गया। जिसमें से 2349 बच्चों के ग्रेड में सुधार हुआ है। बच्चों को आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से टेक होम राशन का घरों में वितरण किया जा रहा है। सरकार द्वारा अतिकुपोषित एवं कुपोषित बच्चों को प्रति सप्ताह दो-दो दिन अण्डा, केला एवं दूध दिया गया, इससे भी बच्चों को कुपोषण से सामान्य श्रेणी में लाने में मदद मिली।