मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड की शुरुआत तो पहले दिन से ही शुरू कर दी थी, चाहे नकल विरोधी कानून बनाना हो या फिर भ्रष्ट और लापरवाह अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी हो, उत्तराखंड परिवहन निगम के अनुबंधित ढाबों पर यात्रियों से लूट की शिकायत मिल रही थी जिसका मुख्यमंत्री धामी ने संज्ञान लेते हुए अधिकारियो को दिए सख्त आदेश, इस आदेश से ढाबों पर मची लूट से यात्रियों को मिलेगी राहत।मुख्यमंत्री धामी ने मामले की जांच के आदेश दिए,जिसपर परिवहन निगम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एक ढाबे का अनुबंध तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया। इस निर्णय से ढाबों पर मची लूट से यात्रियों को राहत मिली।
बता दें कि मुख्यमंत्री पहले भी यात्रियों की असुविधा का संज्ञान समय समय पर लेते रहे हैं। जांच के दौरान ये खुलासा हुआ कि ड्राइवर और कंडक्टर बिना किसी आधिकारिक अनुबंध के ढाबों पर बसें रोक रहे थे। जिससे भ्रष्टाचार को बल मिल रहा था और यात्रियों को परेशानी हो रही थी।
इनका संज्ञान लेते हुए परिवहन विभाग के महाप्रबंधक दीपक जैन ने तुरंत एक नई अनुबंध नीति की रूपरेखा तैयार करते हुए एक नोटिस जारी किया। निर्देश में ड्राइवरों और कंडक्टरों को सख्त निर्देश दिया गया कि वे केवल निगम द्वारा अनुबंधित ढाबों पर ही रुकें, साथ ही परिचालकों को क्यूआर-कोड स्कैन कर रसीद लेने के आदेश भी दिए। ये नियम परिचालन को सुव्यवस्थित और परिवहन प्रणाली को पारदर्शी बनाएगा।
मुख्यमंत्री का यह निर्देश सार्वजनिक सेवाओं में ईमानदारी और जवाबदेही के मानकों को बनाए रखने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। गलती करने वाले ढाबों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करके और सख्त नियम लागू करके, यात्रियों को परेशानीयों से निजात मिलेगा साथ ही ढाबा संचालकों के लिए स्पष्ट संदेश है कि वो यात्रियों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखें।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की यह त्वरित कार्रवाई बस सेवाओं में सकारात्मक बदलाव को प्रदर्शित कर, यह सुनिश्चित करेगा कि रुकना केवल अधिकृत स्थानों पर ही हो। इन नियमों के लागू होने से, यात्री अपनी यात्रा के दौरान लूट से बचेंगे जबकि अधिकारी बस संचालन पर बेहतर नियंत्रण रख सकेंगे।