मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने गंगा से 50 मीटर के दायरे में बिना नक्शे के निर्माणाधीन एक भवन पर सील की कार्रवाई की है। एमडीडीए की यह एक सप्ताह के भीतर तीसरी सील की कार्रवाई हैं। बृहस्पतिवार को सील की कार्रवाई के लिए एमडीडीए की ओर से तीन अवैध भवनों की सूची तैयार की गई थी। जब तक कार्रवाई अमल में आती उससे पहले ही दो निर्माणकर्ताओं ने कमिश्नर गढ़वाल से स्टे ऑर्डर लाकर अफसरों को थमा दिया। एमडीडीए ने एक सप्ताह के भीतर यह दूसरी कार्रवाई की है।
टीम करीब सवा बारह बजे मौनी साईं बाबा की कुटिया के समीप पहुंची। यहां एनजीटी के नियमों को ताक पर रखते हुए गंगा से मात्र 50 मीटर के दायरे में भवन का निर्माण किया जा रहा था। भवन का नक्शा भी पास नहीं हुआ था। इस भवन के निर्माण की शुरूआत में ही एमडीडीए ने 17 अक्तूबर को चेतावनी देकर निर्माण कार्य पर रोक लगाने को कहा था। इस पर निर्माणकर्ता दीपक दहिया ने प्राधिकरण को निर्माण न करने का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद यहां धड़ल्ले से निर्माण किया गया।
बृहस्पतिवार को एमडीडीएम के अधिशासी अभियंता श्याम मोहन शर्मा के नेतृत्व में कर्मचारियों ने उक्त भवन को सील कर दिया। अधिशासी अभियंता श्याम मोहन शर्मा ने बताया कि सील की कार्रवाई दीपक दहिया के निर्माणाधीन भवन पर की गई है। इसके अलावा दो अन्य भवनों पर भी सील की कार्रवाई की जानी थी, लेकिन निर्माणकर्ता राधा बल्लभ गुप्ता और गगन क्रमशः घाट रोड तथा भरत विहार ने स्टे ऑर्डर की प्रति प्रस्तुत की है। स्टे के आधार पर इन दोनों निर्माणकर्ताओं के भवन को सील की कार्रवाई से दूर रखा गया है।
Nov82019