तीन माह में 28 दिन ही उपस्थित रहे अधिशासी अधिकारी
नए ईओ की मांग का प्रस्ताव शासन को भेजने पर बनी सहमति
ऋषिकेश।
गुरुवार को नगर पालिका के स्वर्ण जयंती सभागार में आयोजित बोर्ड बैठक में नगर के विभिन्न विकास कार्यों पर चर्चा हुई। विभिन्न वार्डों के लाखों रुपये के निर्माण कार्यों को बोर्ड ने सहमति प्रदान की। बैठक में ईओ विजय प्रताप सिंह चौहान की कार्यशैली पर लोगों ने नाराजगी जताई। बोर्ड ने ईओ का हाजिरी रजिस्टर मंगवाकर उनकी उपस्थिति की जांच करवाई।
ज्यादातर सदस्यों का कहना था कि ईओ नगर पालिका में बैठते ही नहीं हैं। बैठक में उनकी उपस्थिति जांची तो अक्तूबर में 14 दिन, नंवबर में आठ दिन और दिसंबर में छङ दिन ही ईओ साहब नगर पालिका में उपस्थित रहे। बोर्ड ने शासन को उनका ट्रांसफर करने और नए ईओ को नगर पालिका ऋषिकेश में लाने पर सहमति जताई।
पालिका सदस्यों ने नगर पालिका के कर्मचारियों पर भी आरोप लगाए। बताया कि स्ट्रीट लाइट की समस्या बनी हुई है। लिखित शिकायत के बावजूद भी समस्या का निस्तारण नहीं हो रहा है। भाजपा सभासद दल के नेता शिवकुमार गौतम और कर समिति के अध्यक्ष दीपक धमीजा ने कर अधीक्षक निशांत अंसारी पर कार्य में शिथिलता बरतने का आरोप लगाया। कहा कि एक ओर तो लोग भवन कर निस्तारण की फाइल जमा कर रहे हैं वहीं कर अधीक्षक बेवजह फाइलों को लटका रही हैं।
मार्च में आयोजित हुई बैठक में मासिक लेखा रिपोर्ट देने के निर्देशों का पालन नहीं करने पर भी बोर्ड ने नाराजगी जताई। बोर्ड ने जानना चाहा कि आखिरकार मासिक लेखा रिपोर्ट के बिना कैसे पालिका के खर्च का हिसाब किताब रखा जा रहा है। बोर्ड ने आय-व्यय का लेखा-जोखा सदन में प्रस्तुत नहीं करने को गंभीर माना। निर्णय लिया कि वित्त समिति के निर्देशों पर मासिक लेखा रिपोर्ट तैयार कर बोर्ड सदस्यों को दी जाए। ईओ विजय प्रताप सिंह चौहान से फोन पर वार्ता करनी चाही लेकिन उन्होंने मोबाइल नहीं उठाया।
सट्टे वाली गली
नामित सभासद ललित मोहन मिश्रा ने प्रस्ताव सख्या नौ के बिन्दु संख्या 10 पर आपत्ति जताई। प्रस्ताव में सट्टे वाली गली में नाली निर्माण को लेकर उन्होंने जानना चाहा कि शहर में सट्टे वाली गली कौन सी है। जिस पर लिपिकीय गलती सामने आई। नगर पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा ने लिपिकीय त्रुटि को गंभीर माना। भविष्य में गलती होने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
25 प्रतिशत वृद्धि करने की जानकारी दी
कर समिति ने भवन कर सुनवाई में अपने चहेतों पर निर्धारित 25 प्रतिशत से भी कम कर लगा दिया। जिससे नगर पालिका को राजस्व की हानि तो हो ही रही है। साथ शासनादेश का पालन भी नहीं हो रहा है। अब शासन ने नगर पालिका को भेजे निर्देश में 25 प्रतिशत कर वृद्धि करने के आदेश दिए। अब नगर पालिका के सभी भवन कर 25 प्रतिशत की वृद्धि के साथ ही कर जमा होंगे। पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा ने बोर्ड बैठक में शासनादेश का हवाला देकर 25 प्रतिशत वृद्धि करने की जानकारी दी।
दूसरी बार निशाने पर ईओ
एक वर्ष में दूसरी बार नगर पालिका ऋषिकेश की बोर्ड बैठक में किसी ईओ के खिलाफ शासन को प्रस्ताव भेजने का प्रस्ताव आया है। एक वर्ष पूर्व भी ईओ विजयप्रताप सिंह चौहान के खिलाफ प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ था। सूत्रों के अनुसार तब पालिकाध्यक्ष की कृपा ईओ पर बनी हुई थी, लेकिन इस बार बोर्ड के साथ ही कर्मचारी भी ईओ के नगर पालिका में नहीं बैठने के चलते परेशान हैं। आरोप है कि आवश्यक कार्य लटके हुए हैं। ईओ की कार्यशैली को लेकर सभी वर्गों में नाराजगी बनी हुई है।
कैजुअल सर्वे पर बनी सहमति
सर्वे में छूट गए प्लाट व भवन को कैजुअल सर्वे कराकर नगर पालिका में शामिल कराने पर सहमति बनी हुई है। बोर्ड ने सहमति जताई कि ऐसी सम्पत्ति को पालिका में शामिल कराने के लिए कैजुअल सर्वे कराया जाएगा।
प्रस्ताव गायब करने का आरोप
बोर्ड बैठक के लिए दिए गए प्रस्ताव ही गायब होने लगे तो नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर संदेह होने लगता है। गुरुवार को पांच सभासदों ने अपने प्रस्ताव एजेंडे में शामिल नहीं होने पर आपत्ति जताई। जिस पर प्रस्ताव गायब होने की बात भी सामने आई। सभासद शिवकुमार गौतम, हरीश तिवाड़ी आदि ने अपने प्रस्तावों को मूल प्रस्ताव में शामिल करने की मांग की।