आचार्य बालकृष्ण को स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए जा रहे उनके योगदान को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था यूएनएसडीजी ने उन्हें इंफेल्यिुंस प्यूपिल इन हेल्थ केयर अवॉर्ड से सम्मानित किया है। स्विटजरलैंड में आयोजित शिखर समिट में 50 देशों से लगभग 500 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था।
जेनेवा में हुए आयोजन में आचार्य बालकृष्ण ने संबोधन संस्कृत भाषा में दिया, जिसे अन्य भाषाओं में अनुवाद किया गया। आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि संस्कृत देव भाषा होने के साथ-साथ वैज्ञानिक भाषा भी है, जिसका अपना अलग महत्व है और अन्य किसी भाषा में उसकी कोई बराबरी नहीं।
विश्व हेल्थ समिट जेनेवा, स्विटजरलैंड में इंफेल्यिुंस प्यूपिल इन हेल्थ केयर अवॉर्ड से आयुर्वेद के आचार्य बालकृष्ण को सम्मानित किया गया। जेनेवा में केन्या के राष्ट्रपति उहरू केन्याता ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में विश्व के 10 सबसे प्रभावशाली व्यक्तित्व की श्रेणी में स्थान देकर प्रतिष्ठित सम्मान दिया गया।
दुनिया के 5 उन शीर्ष व्यक्तियों को यह सम्मान दिया गया है, जिन्होंने मानवता के स्वास्थ्य स्तर और उसकी गुणवत्ता में सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आचार्य बालकृष्ण के अलावा यह सम्मान पाने वाले चार शीर्ष लोगों में संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) की कार्यकारी निदेशक हेनरिटा एच फोर, विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर डॉक्टर टेड्रोस एधानोम घेब्रेयेसस, चीन के जाने माने वैकल्पिक चिकित्सा विशेषज्ञ एबे ली, प्रोमेडिका के प्रेसीडेंट और सीईओ रेंडी ओस्त्रा शामिल हैं