अंकिता हत्याकांडः आरोपी पुलकित आर्य की पौने तीन करोड़ की संपत्ति होगी जब्त

राज्य में एकसाथ दो चर्चित अभियुक्तों की सम्पत्ति जब्त किये जाने सम्बन्धी खबर सामने आई है। पहला मामला उत्तराखण्ड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त पुलकित आर्य की पौने तीन करोड़ की संपति जब्त करने के बाबत है और दूसरी खबर इमलाख की सम्पत्ति जब्त करने को लेकर है। हिस्ट्रीशीटर इमलाख बीएएमएस चिकित्सक की फर्जी डिग्री बांटने के आरोप में अजमेर से गिरफ्तार हुआ है।

पौड़ी की एसएसपी श्वेता चैबे ने अभियुक्त पुलकित आर्य की गैंगस्टर एक्ट के तहत कुल पौने तीन करोड़ की सम्पत्ति जब्त करने के लिए जिलाधि कारी को रिपोर्ट भेजी है। पौड़ी पुलिस की यह एक बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।

दरअसल, अंकिता भंडारी हत्याकांड में जेल में बंद पुलकित आर्य का नार्को टेस्ट भी कानूनी दांवपेंच में उलझता जा रहा है। इस मामले में कथित वीआईपी को लेकर जनता में भारी उत्सुकता है। नार्को टेस्ट में हो रही हीलाहवाली से अंकिता को न्याय दिलाने वाली सामाजिक ताकतें भी हैरानी में है।
इस बीच, एसएसपी श्वेता चैबे ने पुलकित आर्य की करोड़ों की सम्पत्ति जब्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इस बाबत एसएसपी ने ट्वीट भी किया है।

दूसरी ओर, डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि सीएम के निर्देश के बाद फर्जी आयुर्वेद चिकित्सकों की फौज खड़ी करने वाले दसवीं पास अभियुक्त इमलाख के विरूद्ध गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत अवैध रूप से अर्जित की गयी सम्पत्ति को कुर्क करने की कार्यवाही की जाएगी। हाल ही में मु.नगर निवासी इमलाख को अजमेर से गिरफ्तार किया गया था।

गौरतलब है कि उत्तराखण्ड एसटीएफ ने बीते माह में प्रदेश में प्रैक्टिस कर रहे बीएएमएस की फर्जी डिग्री वाले आयुर्वेदिक चिकित्सकों के गिरोह का भण्डाफोड़ किया था। इस मामले में अभी तक 7 फर्जी चिकित्सक गिरफ्तार हो चुके हैं। इस गिरोह का मास्टर माइंड 25 हजार रूपये का इनामी इमलाख को एसटीएफ ने 2 फरवरी, 2023 को किशनगढ़ जिला अजमेर राजस्थान से गिरफ्तार किया।

इमलाख कोतवाली मुजफफरनगर का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर है। इसने अपने भाई इमरान के साथ बरला थाना क्षेत्र मुजफ्फरनगर में बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज के नाम से मेडिकल डिग्री कॉलेज भी खोला हुआ है। इस कॉलेज में बीफार्मा, बीए, बीएससी, आदि कोर्स संचालित होते हैं। यह भी जानकारी हुई कि इम्लाख बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज, मुजफ्फरनगर का स्वामी है एवं इसके विरुद्ध फर्जी डिग्री दिलवाने के कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसे यूपी का सबसे बड़ा शिक्षा माफिया कहा जाता है।