उत्तरकाशी जिले के मोरी विकासखंड के सावनी गांव में रात्रि समय पर अचानक आग लग गयी। आग ने इतना भयंकर रूप धारण कर लिया कि अपनी चपेट में करीब दो सौ मवेशियों व करीब 40 मकानों को भस्म कर दिया। मकानों के जल जाने से करीब 40 परिवारों के समक्ष छत चली गयी।
बताया जा रहा है कि गांव में सिर्फ चार भवन ही सुरक्षित बचे। अधिकांश मकान लकड़ी के थे। ऐसे में आग पर काबू पाना भी मुश्किल हो गया। इस दुर्गम इलाके में प्रशासन की टीम भी मौके पर सुबह तक नहीं पहुंच सकी। घटना आधी रात के बाद करीब एक बजे की है।
उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 200 किलोमीटर दूर सावणी गांव हिमाचल की सीमा से लगा है। निकटतम सड़क स्टेशन जखोल गांव से सावणी पहुंचने के लिए सात किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है। यहां एक घर में लगी आग ने विकराल रूप लेना शुरू किया कि उसकी जद में एक-एक करते दूसरे मकान भी आने लगे।
देखते ही देखते पूरा गांव आग के गोले में तब्दील हो गया। ग्रामीण घरों से बाहर निकले और मवेशियों को भी बचाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक करीब दौ सो मवेशी जल कर मर गए। आग बुझाने के ग्रामीणों के प्रयास भी सफल नहीं हो सके। जैसे-जैसे आग बढ़ती गई तो ग्रामीण अपने बच्चों सहित खेतों की ओर भागे। पूरे गांव में चीख-पुकार मचने लगी।
करीब रात ढाई बजे जिला प्रशासन को आग की सूचना मिली। प्रशासन और पुलिस की टीम सावणी गांव के लिए रवाना हुई। जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने बताया कि राहत और बचाव टीम तथा प्रशासन की टीम को मौके पर भेजा गया।