उत्तराखंड कैबिनेट की मीटिंग में आवास नीति को मंजूरी मिल गई है। वहीं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की सीमा को पांच लाख तक बढ़ाया गया है। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में 22 बिंदुओं पर चर्चा हुई।
यह लिए गए फैसले
सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि ऊर्जा और आवास विभाग के मामले बिजली उपभोक्ताओं के लिए सब्सिडी देने का फैसला लिया गया।
एलआइजी और एलएमआइजी को लेकर भी हुआ फैसला। पर्वतीय इलाकों में बाखली बनाने वालों को मिलेगी सब्सिडी।
30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले कर्मचारियों को पूरे साल का पेंसनरी बेनिफिट नोशनल इनक्रीमेंट दिया जाएगा।
वाहन चालकों के भत्ते के रूप में मिलेंगे 3 हजार, वर्दी भत्ते के रूप में पहले 2400 था।
मानवाधिकार आयोग में विभाग अध्यक्ष के रूप में वित्तीय अधिकार दिए जाएंगे।
डॉक्टरों के इनक्रीमेंट को लेकर हुआ फैसला।
अब लिंग परिवर्तन करने वालों को नाम परिवर्तन करना होगा आसान।
खेल विश्वविद्यालय को फिर से अध्यादेश के रूप में सदन में रखा जाएगा।
गौ सदन को लेकर हुआ फैसला। शहरी इलाकों में शहरी विकास विभाग और ग्रामीण इलाकों में पंचायतें इसे बनाएंगी, प्रोत्साहन के लिए भी प्रावधान होगा।
प्रदेश ट्रांसजेंडर बोर्ड के गठन को मंजूरी
पटवारी व कानूनगो की हड़ताल अवधि को उपर्जित अवकाश के रूप में देने को मंजूरी।
सेब, माल्टा, गलगल का वित्त विभाग के अनुमोदन से अब विभाग ही इनका न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित कर सकेगा।
रेरा के वार्षिक पर प्रतिवेदन को विधानसभा में पटल पर रखने की मंजूरी।
मुख्यमंत्री शैक्षिक भ्रमण योजना के तहत अब उच्चशिक्षा के छात्रों के साथ ही शिक्षकों को भी भारत दर्शन कराया जाएगा। प्रतिष्ठित संस्थान भी घुमाया जाएगा।
30 जून और 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों नोशनल वेतनवृद्धि
कैबिनेट ने अहम निर्णय के तहत 30 जून और 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों के पेंशन की गणना के लिए उन्हें एक नोशनल वेतनवृद्धि दी जाएगी। इससे उन्हें पद के अनुरूप पूरी पेंशन मिल सकेगी। राज्य के विभिन्न कर्मचारी संगठन इसकी लंबे समय से मांग कर रहे थे।
राज्य में राजकीय कार्मिकों के लिए वार्षिक वेतन वृद्धि की तिथि एक जनवरी और और जुलाई निर्धारित की गई है। इस तिथि से उन्हें बढ़ा हुआ वेतन दिया जाता है। वहीं राज्य में कई कर्मचारी ऐसे हैं जो अधिवर्षता आयु पूरा कर प्रतिवर्ष 30 जून और 31 जून को सेवानिवृत्त होते हैं।
इनमें कई सरकार सेवक ऐसे हैं जो एक ही वेतन स्तर पर इस तिथि में सेवानिवृत्त हो जाते हैं। उन्होंने आगामी वेतनवृद्धि इसलिए नहीं मिलती क्योंकि सरकारी सेवकों को वार्षिक वेतनवृद्धि एक वर्ष की संतोषजनक सेवा के बाद मिलती है।
इन कर्मचारियों के हितों को देखते हुए राज्य सरकार ने 30 जून और 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को पेंशन गणना के लिए नोशनल वेतन वृद्धि देेने का निर्णय लिया है। यद्यपि यह स्पष्ट किया गया है कि सेवानिवृत्ति के उपरांत मिलने वाले अन्य लाभों के लिए नोशनल वेतनवृद्धि की गणना नहीं की जाएगी।