ऋषिकेश में चेक बाउंस के दो अलग-अलग मामलों में सिविल जज जूनियर डिवीजन व न्यायिक मजिस्ट्रेट ऋषिकेश की अदालत ने डेढ़ वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही आरोपी पर जुर्माना भी लगाया है। मामला वर्ष 2017 का है।
अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण तिवारी व उनके सहयोगी अधिवक्ता विशाल रामदे ने बताया कि चंद्रमणि शुक्ला पुत्र राजबहादुर शुक्ला निवासी गीतानगर ऋषिकेश रेलवे रोड़ पर गारमेंट की दुकान संचालित करते हैं। उनकी दुकान में अक्सर सामान खरीदने को राकेश कुमार कश्यप आता जाता रहता था। इस दौरान चंद्रमणि शुक्ला और राकेश कुमार कश्यप के बीच अच्छी जान पहचान हो गई। एक रोज राकेश कुमार ने चंद्रमणि शुक्ला से कहा कि वह ऋषिलोक कालोनी में स्थित अपना मकान बेचना चाहता है। इस बावत दोनों के बीच आपसी सहमति से 20 लाख रूपये का सौदा हुआ।
जिसके बयाने के तौर पर चंद्रमणि शुक्ला ने राकेश कुमार कश्यप को अलग-अलग तिथियों में छह लाख रूपये दिए। मगर, कुछ कारणों के चलते मकान की रजिस्ट्री राकेश कुमार कश्यप नहीं करवा पाया। इसके चलते दोनों के बीच अनुबंध समाप्त हो गया। अब आरोपी राकेश कुमार ने बयाने की राशि के तीन चेक चंद्रमणि को दिए। जो तीन लाख, दो लाख और एक लाख रूपये के थे। वादी चंद्रमणि ने जब यह चेक बैंक में लगाए तो वह बाउंस हो गए। इसके बाद मामला कोर्ट में अब तक विचाराधीन था।
अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण तिवारी ने न्यायालय में यह साबित करने में कामयाब रहे कि राकेश कुमार कश्यप ने चंद्रमणि शुक्ला से रूपये लिए, जिन्हें लौटने के लिए चेक दिए गए। मगर, वह बाउंस हो गए, नोटिस के बावजूद भी रूपयों का भुगतान नहीं किया गया।
अधिवक्ता की मजबूत पैरवी की बदौलत न्यायधीश राजेंद्र कुमार ने आरोपी राकेश कुमार कश्यप पुत्र राजकुमार निवासी ऋषिलोक कालोनी आशुतोष नगर ऋषिकेश को चेक बाउंस के अपराध में दो मामलों में डेढ़ वर्ष के साधारण कारावास की सजा सुनाई है साथ ही जुर्माना भी लगाया गया है।