फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में ब्लूटूथ डिवाइस से नकल कराने का झांसा देकर युवकों से ठगी करने वाले गिरोह के सरगना कोचिंग सेंटर संचालक मुकेश सैनी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के पास से एक ब्लूटूथ, ईयर फोन, मोबाइल और अन्य दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।
पुलिस ब्लूटूथ की बारीकी से जांच कर रही है। साथ ही फरार चल रहे गिरोह के सात आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है। पुलिस ने सरगना को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।
एसएसपी ने बताया कि गिरोह का सरगना युवाओं को परीक्षा में नकल कराने के लिए ईयर फोन और ईयर पिक डिवाइस का प्रयोग कराता था। ईयर पिक से परीक्षार्थी फोटो खींचकर आरोपी को भेजते थे। इसके बाद उधर से ब्लूटूथ डिवाइस के माध्यम से पेपर साल्व करवाया जाता था। ब्लूटूथ के माध्यम से ये लोग मात्र दो घंटे में ही पूरा पेपर सॉल्व करवा देते थे। उन्होंने बताया कि मुकेश के पास जो ब्लूटूथ डिवाइस मिला है, उसकी बारीकी से जांच की जा रही है। उम्मीद है कि ब्लूटूथ से कई अन्य जानकारियां मिलेंगी, जिसके आधार पर आगे की जांच की जाएगी।
एसएसपी डी सेंथिल अबूदई कृष्णराज एस ने प्रेसवार्ता कर बताया कि देहरादून एसटीएफ और हरिद्वार पुलिस को शिकायत मिल रही थी कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और प्राविधिक शिक्षा परिषद में पेपर लीक कराने के साथ ही ब्लूटूथ के माध्यम से नकल कराई जा रही है। 16 फरवरी को फॉरेस्ट गार्ड भर्ती के लिए लिखित परीक्षा थी। मंगलौर क्षेत्र स्थित कुआंहेड़ी निवासी आलोक हर्ष पुत्र शिवलोक हर्ष ने पुलिस से शिकायत कर बताया था कि वह गुरुकुल नारसन स्थित ओजस्व कॅरियर इंस्टीट्यूट से परीक्षा की तैयारी कर रहा था। कोचिंग सेंटर के संचालक मुकेश सैनी ने बताया कि था कि वह चार लाख रुपये में परीक्षा का पेपर उपलब्ध करा सकता है। साथ ही पास करवाकर नौकरी भी लगवा देगा।
इसी बीच मुकेश सैनी के दोस्त कपिल से उसकी मुलाकात हुई। कपिल ने भी बताया कि मुकेश ने उससे भी चार लाख रुपये मांगें हैं और वह रुपये दे रहा है। झांसे में आकर उसने मुकेश को एक लाख रुपये दे दिए थे। मुकेश ने बताया था कि परीक्षा से पहले उसे कॉलेज के बाहर ही पेपर उपलब्ध करा दिया जाएगा।
ऐसे संज्ञान में आया मामला
बताया कि कपिल को उसने एक ब्लूटूथ डिवाइस दी है, जो वह उसे उपलब्ध करा देगा और ब्लूटूथ के जरिये पेपर साल्व करवा देगा। परीक्षा वाले दिन आलोक ज्वालापुर स्थित परीक्षा केंद्र के बाहर खड़ा था, लेकिन उसे पेपर और ब्लूटूथ उपलब्ध नहीं करवाया गया था। इस चक्कर में उसकी परीक्षा भी छूट गई थी। एसएसपी ने बताया कि मंगलौर पुलिस ने शिकायत के आधार पर गिरोह के सरगना मुकेश सैनी, निवासी ग्राम हरचंदपुर हाल निवासी गुरुकुल नारसन, कुलदीप राठी, गुरु वचन, हाकम सिंह जसोल निवासी उत्तरकाशी हाल निवासी ज्ञान आईएएस कोचिंग सेंटर, पंकज, अश्वनी, निवासी नारसन कलां, सुधीर, अशोक ग्राम बूढ़पुर जट्ट के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। तभी से आरोपी फरार चल रहे थे। एसएसपी ने बताया कि शुक्रवार को कोचिंग सेंटर पर छापा मारकर गिरोह के सरगना मुकेश सैनी को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने बताया कि मामले में आरोपियों के खिलाफ आईटी एक्ट की धारा भी बढ़ाई गई है।
एसएसपी के अनुसार, जांच में सामने आया है कि गिरोह का सरगना मुकेश सैनी प्रदेश स्तरीय और एसएससी की प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक या फिर ब्लूटूथ डिवाइस के माध्यम से नकल कराता था। वह नकल से पास कराने के बाद नौकरी भी लगवाता था। साथ ही युवाओं को नकल का झांसा देकर एडवांस में रकम लेता था। कई ऐसे युवाओं के बारे में जानकारी मिली है, जिनकी गहनता से जांच की जा रही है।
फॉरेस्ट गार्ड की कमी से जूझ रहा महकमा
वन विभाग में फॉरेस्ट गार्ड केे करीब 3650 पद हैं। इनमें से 1218 पद खाली हैं। इन पदों पर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से जल्द भर्ती होने की उम्मीद वन विभाग को थी। इसी के चलते वन विभाग ने कई-कई साल से फॉरेस्ट गार्ड के पद पर काम कर रहे कई वन कर्मियों को प्रमोट कर वन दरोगा बना दिया। नई भर्ती होने तक इनमें से कइयों को फॉरेस्ट गार्ड की ड्यूटी अब भी निभानी पड़ रही है। कारण यह भी है कि प्रदेश में अब फायर सीजन शुरू हो गया है। विभाग में फॉरेस्ट गार्ड की कमी है। ऐसे में प्रमोट होने वाले कर्मियों को प्रभारी के रूप में काम करना पड़ रहा है।
Feb212020