मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि ईको टूरिज्म में प्रकृति सर्वोपरि है और ईको टूरिज्म प्रकृति पर निर्भर है। प्रकृति का संरक्षण और पारिस्थितिकी संतुलन को बनाए रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। सरकार प्रकृति का संरक्षण करते हुए रोजगार के अवसर बढ़ाने और पलायन रोकने को प्रयासरत है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट ‘प्रकृति आधारित पर्यटन विश्लेषण एवं सिफारिश’ पर विमोचन भी किया।
रिपोर्ट का विमोचन करने के बाद मुख्यमंत्री ने आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी से ईको टूरिज्म नीति और इसके मास्टर प्लान के संबंध में चर्चा की। डॉ. नेगी ने रिपोर्ट में किए गए विश्लेषण और सिफारिशों के बारे में मुख्यमंत्री को विस्तार से बताया। रिपोर्ट में ईको टूरिज्म के तहत वन्यजीव पर्यटन, ट्रैकिंग, हाइकिंग व रॉक क्लाइंबिंग, कैंपिंग, होम स्टे पर फोकस किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में ईको टूरिज्म के संबंध में संपूर्ण जानकारी एक वेबसाइट या वेब एप पर उपलब्ध होनी चाहिए। साथ ही जीपीएस सिस्टम मजबूत करने की दरकार है।
इस मौके पर राज्य में ईको टूरिज्म स्थलों पर जल संरक्षण, गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोत, सुदृढ़ संचार व्यवस्था, कचरा प्रबंधन, शौचालय, ईको टूरिज्म में स्थानीय समुदाय की भागीदारी, कुशल यातायात प्रबंधन पर जोर दिया गया। साथ ही ट्रैकिंग स्थलों, मंदिरों व दर्शनीय स्थलों, होम स्टे को ईको टूरिज्म से जोड़ने और महिलाओं को कौशल विकास से जोड़ने की जरूरत भी बताई गई।